मोबाइल और इंटरनेट सर्विस कंपनी भारती एयरटेल और रिलायंस जियो, स्टारलिंक के जरिए इंटरनेट का कारोबार करेंगे। एलन मस्क की कंपनी स्टार स्पेसएक्स के साथ दोनों कंपनियों की बात बन गई है। स्टारलिंक की मदद से सैटेलाइट कवरेज मिलने की वजह से दुनिया के किसी भी कोने में इंटरनेट के सिग्नल पहुंच सकते हैं।
SpaceX के मालिक एलन मस्क के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका दौरे के दौरान मुलाकात की थी। दुनिया के सबसे अमीर शख्स अब भारतीय कंपनियों के साथ डील करने वाले हैं। वह अमेरिकी प्रशासन में अहम जिम्मेदारी पर हैं। कांग्रेस का कहना है कि इस डील को कराने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाथ शामिल है।
कांग्रेस ने डील पर उठाए सवाल
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने लिखा, 'मात्र 12 घंटों के अंदर ही एयरटेल और जियो, दोनों ने स्टारलिंक के साथ साझेदारी की घोषणा कर दी, जबकि अब तक वे इसके भारत में आने को लेकर लगातार आपत्तियां जताते आ रहे थे।'
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जयराम रमेश ने लिखा, 'यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि इन साझेदारियों को खुद प्रधानमंत्री ने ही राष्ट्रपति ट्रंप के साथ सद्भावना खरीदने के लिए स्टारलिंक के मालिक एलन मस्क के जरिए सुगम बनाया है।'
जयराम रमेश ने लिखा, 'कई अहम सवाल अभी भी बने हुए हैं। शायद सबसे महत्वपूर्ण सवाल राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। जब राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा कोई मामला होगा, तब कनेक्टिविटी को चालू या बंद करने की शक्ति किसके पास होगी? स्टारलिंक के पास या इसके भारतीय साझेदारों के पास? क्या अन्य सैटेलाइट-आधारित कनेक्टिविटी प्रदाताओं को भी अनुमति दी जाएगी और यदि हां, तो किस आधार पर?' और, निश्चित रूप से, एक बड़ा सवाल टेस्ला के भारत में निर्माण को लेकर भी है। क्या अब, जब स्टारलिंक को भारत में प्रवेश मिल गया है, टेस्ला के निर्माण को लेकर कोई प्रतिबद्धता जताई गई है?'
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कब हुआ है समझौता?
एयरटेल और जियो ने बुधवार को यह डील, एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक के साथ तय की है। दोनों कंपनियों ने हाई स्पीड इंटरनेट की मांग करते हुए यह डील फाइनल की है। स्टारलिंक एक सैटेलाइड ब्रांडबैड की तरह काम करेगा, जिससे कहीं भी इंटरनेट सेवाएं मिल जाएंगी। जिन क्षेत्रों में इंटनरेट के टावर नहीं हैं, फ्रीक्वेंसी कम है या सबकी पहुंच नहीं है, वहां यह इंटरनेट क्रांतिकारी साबित हो सकता है।