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'कांग्रेस ने लाचार कर दिया,' उद्धव ठाकरे को अफसोस!

महा विकास अघाड़ी की सबसे बड़ी पार्टी बनने वाली कांग्रेस का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। MVA गठबंधन, अब कांग्रेस को कोस रहा है।

Uddhav Thackeray

शिवसेना (यूबीटी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उद्धव ठाकरे। (तस्वीर- फेसबुक, शिवसेना (यूबीटी)

महाराष्ट्र में कांग्रेस नर्वस 99 की का शिकार हो गई। लोकसभा चुनाव 2024 के जब नतीजे आए तो कांग्रेस, सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बन कर उभरी। ऐसा लगा कि कांग्रेस एक बार फिर से जमीन पर मजबूत हो गई है। कांग्रेस ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में सबसे ज्यादा सीटों की दावेदारी पेश की। तर्क दिया गया कि कांग्रेस पर लोग भरोसा कर रहे हैं, अब हिस्सेदारी बड़ी चाहिए। महा विकास अघाड़ी गठबंधन के नेताओं ने यह बात मान भी ली। अब सबको गलती का एहसास हो रहा है।

शिवसेना (UBT) का कहना है कि कांग्रेस का अति आत्मविश्वास हम सब पर भारी पड़ा है। शिवसेना नेता अंबादास दानवे ने कहा कि MVA अगर उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करती तो नतीजे अलग होते। उन्होंने कहा, 'लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद कांग्रेस महाराष्ट्र में हरियाणा और कश्मीर की तरह अति आत्मविश्वास में आ गई थी। चुनाव के नतीजों में भी यह साफफ नजर आया।'

'कांग्रेस के तेवर ने बिगाड़ा शिवसेना का खेल'
अंबादास दानवे ने कहा, 'जब सीट बंटवारे पर बहस चल रही थी, तब कांग्रेस का रवैया भी ऐसा ही रहा। इससे हमें नुकसान हुआ। उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया जाना चाहिए था। ऐसा न करना, हमारे लिए भी घातक हुआ। अगर ऐसा हुआ होता तो नतीजे अलग होते।'

अब क्यों हो रहा है शिवसेना को अफसोस?
कांग्रेस के रुख से शिवसेना (UBT) दुखी नजर आ रही है। कांग्रेस ने 103 सीटों पर चुनाव लड़ा, जीत सिर्फ 16 पर हासिल हुई। शिवसेना (यूबीटी) ने 89 सीटों पर चुनाव लड़ा, 20 सीटें जीत सकी। नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) ने 87 सीटों पर चुनाव लड़ा, जीत सिर्फ 10 सीटों पर मिली। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 में 13 सीटें हासिल की थीं। यही कांग्रेस के अति आत्मविश्वास का कारण था। इसी के आधार पर कांग्रेस ने अपनी दावेदारी पेश की थी, नतीजा सबके सामने है। ये नतीजे ही शिवसेना (यूबीटी) गुट के अफसोस की वजह है। 

राहुल गांधी, शरद पवार और उद्धव ठाकरे। (तस्वीर-PTI)



अब क्या करेगी शिवसेना?
अंबादास दानवे ने कहा कि कुछ शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवारों ने इस पर सवाल उठाए थे लेकिन उन्होंने पार्टी का नाम नहीं लिया। शिवसेना (यूबीटी) अब सभी 288 सीटों की तैयारी करेगी, जिससे इन सीटों पर पार्टी की पकड़ मजबूत हो। उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास कई एकनाथ शिंदे हैं, बीजेपी ऐसा कई राज्यों में कर चुकी है। अब शिवसेना अपने विस्तार पर ध्यान देगी। 

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