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दिल्ली विधानसभा में 'फांसी घर' है या 'टिफिन रूम'? BJP-AAP में घमासान

दिल्ली विधानसभा परिसर में आम आदमी पार्टी की सरकार में 'फांसी घर' के उद्घाटन पर अब बवाल खड़ा हो गया है। बीजेपी सरकार ने इसे 'टिफिन रूम' बताया है।

delhi phansi ghar

दिल्ली विधानसभा में बना फांसी घर। (Photo Credit: PTI)

दिल्ली विधानसभा में 'फांसी घर' को लेकर सत्ताधारी बीजेपी और विपक्ष आम आदमी पार्टी के बीच घमासान शुरू हो गया है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विधानसभा के एक हिस्से को 'फांसी घर' बताए जाने के मामले में जांच और FIR दर्ज करने की मांग की है। सीएम रेखा गुप्ता ने पिछली आम आदमी पार्टी की सरकार पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है।

 

बीजेपी सरकार का दावा है कि दिल्ली विधानसभा में पिछली आम आदमी पार्टी की सरकार ने जिस जगह को 'फांसी घर' बताकर उद्घाटन किया था, वह असल में 'टिफिन रूम' है। विधानसभा के स्पीकर विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि विधानसभा में 'फांसी घर' का इतिहास नहीं है।

 

स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि 2022 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जिस हिस्से को 'फांसी घर' बताकर रेनोवेट करवाया था और उद्घाटन किया था, वह असल में 'टिफिन रूम' है। इसे लेकर बुधवार को सीएम रेखा गुप्ता ने विधानसभा में पिछली आम आदमी पार्टी की सरकार पर शहीदों का अपमान और जनता को धोखा देने का आरोप लगाया है।

क्या है पूरा मामला?

2021 में दिल्ली विधानसभा के तत्कालीन स्पीकर रामनिवास गोयल ने दावा किया था कि परिसर में एक फांसी घर मिला है। इसके बाद इस जगह का रेनोवेशन करवाया गया था और 2022 में तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसका उद्घाटन किया था।

 

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बीजेपी सरकार ने उठाए सवाल

दिल्ली विधानसभा के स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने विधानसभा परिसर का 1912 का नक्शा दिखाया और कहा कि स बात के कोई सबूत नहीं है कि यह फांसी घर था और यहां कैदियों को फांसी दी जाती थी।

 

दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने दावा करते हुए कहा कि 'यह इस बात का सबूत है कि दिल्ली पर एक अनपढ़ मुख्यमंत्री का शासन था' उन्होंने कहा, 'यह कमरा सिर्फ 2.5 फीट चौड़ा और जो रस्सी है, वह सर्विस लिफ्ट के लिए थी। इसका इस्तेमाल फांसी लगाने के लिए नहीं किया जा सकता था'

 

 

मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा, 'फांसी घर के दावे का पर्दाफाश करने से विधानसभा की गरिमा बहाल होगी' उन्होंने कहा, 'आम आदमी पार्टी की सरकार ने लोकतांत्रिक परंपराओं को तार-तार कर दिया है। करोड़ों रुपये खर्च करके जूते और कपड़े रखकर एक नकली 'फांसी घर' बना दिया। उन्होंने हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया और तुच्छ लाभ के लिए इतिहास से छेड़छाड़ की'

सीएम ने की जांच की मांग

'फांसी घर' के मुद्दे को लेकर विधानसभा में कई दिन से बवाल हो रहा है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस मामले की जांच करने और FIR दर्ज करने की मांग की है।

 

उन्होंने कहा, 'मंत्री सिरसा ने केजरीवाल को मूर्ख कहा, मैं इससे सहमत नहीं हूं। वह बहुत प्रतिभाशाली थे। उन्हें लोगों की भावनाओं से खेलना आता था। उनकी बड़ी कमीज, मफलर, छोटी कार, दो रुपये का पेन और यहां तक कि उनकी खांसी भी, हर चीज का एक मकसद था। उनका मानना था कि वह भगत सिंह की विरासत के उत्तराधिकारी हैं'

 

 

उन्होंने कहा कि उन्होंने तथाकथित 'फांसीघर' का दौरा भी किया था। उन्होंने कहा, 'यह जगह इतनी संकरी है कि कोई भी व्यक्ति खड़ा नहीं हो सकता और फांसी पर चढ़ने से इनकार कर देगा। विपक्ष ने अपने दावे के समर्थन में कोई सबूत या दस्तावेज पेश नहीं किया है'

 

सीएम रेखा गुप्ता ने कहा, 'मैं इस इमारत के रेनोवेशन पर खर्च किए गए करोड़ रुपये की जांच और वसूली की मांग करती हैं। झूठ के इस पुलिंदे को विधानसभा परिसर से हटाया जाना चाहिए'

 

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आम आदमी पार्टी ने क्या कहा?

आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा ने बचाव करते हुए कहा कि ब्रिटिश काल में बने ऐसे फांसी घरों का कभी आधिकारिक तौर पर दस्तावेजीकरण नहीं किया गया था।

 

उन्होंने कहा, 'यह फांसी घर अंग्रेजों ने बनवाया था। कई इतिहासकारों ने लिखा है कि सभी फांसी का रिकॉर्ड नहीं है। भगत सिंह ने बम कहां फेंका था? इस इमारत में या संसद में, इस बारे में भी इतिहासकारों में अलग-अलग राय है'

 

उन्होंने बताया कि 1912 के नक्शे के अनुसार, परिसर में एकमात्र दोमंजिला इमारत ही 'फांसी घर' थी। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि इसकी जांच आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) को सौंपी जाए। उन्होंने कहा, 'हम ब्रिटिश संसद से सबूत क्यों मांग रहे हैं? वे अपने अत्याचारों का दस्तावेजीकरण क्यों करेंगे?'

 

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