दिल्ली की सियासत बदल गई है। पिछले दो चुनाव से 60 से ज्यादा सीटें जीतकर सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी अब विपक्ष में आ गई है। वहीं, दिल्ली की सत्ता से 27 साल दूर रही बीजेपी अब सरकार में आ गई है। इसके साथ ही अब रोल भी बदल जाएंगे।
इसे किस्मत का खेल ही कहा जाएगा कि कल तक जिस विधानसभा से विजेंद्र गुप्ता को मार्शलों ने कभी घसीटकर बाहर निकाला था, अब वही विजेंद्र गुप्ता विधानसभा के स्पीकर होंगे। इसका मतलब ये हुआ कि विधानसभा के अंदर जो कुछ भी होगा, वो विजेंद्र गुप्ता की मर्जी से ही होगा।
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जब मार्शलों ने गुप्ता को निकाला बाहर
सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच किसी बात पर बहस होना आम बात है लेकिन 30 नवंबर 2015 को दिल्ली विधानसभा में आम आदमी पार्टी और बीजेपी विधायकों में जबरदस्त हाथापाई हुई थी। तब दिल्ली विधानसभा में बीजेपी के मात्र 3 विधायक थे। इन तीन में से एक विजेंद्र गुप्ता थे।
जब विधानसभा में हंगामा हुआ तो तत्कालीन स्पीकर राम निवास गोयल ने विजेंद्र गुप्ता को सदन से बाहर जाने को कहा। जब गुप्ता ने बाहर जाने से मना कर दिया तो स्पीकर गोयल ने मार्शलों को बुलाया। मार्शलों ने आकर गुप्ता को जबरदस्ती सदन से बाहर किया। मार्शल उन्हें उठाकर बाहर ले गए थे।
सदन से जबरदस्ती बाहर किए जाने से पहले विजेंद्र गुप्ता ने स्पीकर पर पक्षपात का आरोप लगाया था। वहीं, आम आदमी पार्टी ने तीन बीजेपी विधायकों पर मारपीट करने का आरोप लगाया था।
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जब विधानसभा से हुए थे निलंबित
विधानसभा में हंगामे के चलते विजेंद्र गुप्ता को कई बार सदन से बाहर किया गया। उन्हें निलंबन का भी सामना करना पड़ा। हालांकि, 21 मार्च 2023 को तत्कालीन स्पीकर राम निवास गोयल ने विजेंद्र गुप्ता को सालभर के लिए निलंबित कर दिया था। उन्हें सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के आरोप में निलंबित किया गया था। हालांकि, गुप्ता ने इसे दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी और तीन दिन में ही अदालत ने उनके निलंबन को रद्द कर दिया।
अब न केजरीवाल और न गोयल
अब जब दिल्ली विधानसभा के स्पीकर विजेंद्र गुप्ता होंगे तो उनके सामने न तो अरविंद केजरीवाल होंगे और न ही राम निवास गोयल। दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से हार गए हैं। उन्हें बीजेपी के प्रवेश वर्मा ने 4 हजार वोटों से हराया है। वहीं, राम निवास गोयल ने चुनाव से पहले ही राजनीति से संन्यास का ऐलान कर दिया था। राम निवास गोयल आम आदमी पार्टी की दोनों सरकारों में विधानसभा अध्यक्ष थे।
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कौन हैं विजेंद्र गुप्ता?
विजेंद्र गुप्ता दिल्ली में बीजेपी का बड़ा चेहरा हैं। आम आदमी पार्टी की लहर में भी विजेंद्र गुप्ता जीतने में कामयाब रहे थे। गुप्ता ने इस बार रोहिणी से लगातार तीसरी बार जीत हासिल की है।
14 अगस्त 1963 को जन्म विजेंद्र गुप्ता का राजनीतिक करियर 1997 में तब शुरू हुआ था, जब वो पार्षद चुने गए थे। 2009 में उन्होंने चांदनी चौक सीट से अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन कांग्रेस के कपिल सिब्बल से हार गए। 2013 में बीजेपी ने उन्हें अरविंद केजरीवाल के खिलाफ उतारा लेकिन हार गए। हालांकि, 2015 में बीजेपी ने उन्हें रोहिणी से टिकट दिया, जिसे वो जीतने में कामयाब रहे।