महाराष्ट्र की राजनीति के लिए शनिवार को दिन काफी गहमा-गहमी भरा रहा। आज ठाकरे ब्रदर्स यानी उद्धव और राज ठाकरे ने मुंबई के वर्ली में मेगा रैली की, जिसके बाद दोनों 20 साल बाद एक साथ देखे गए। उद्धव-राज आखिरी बार बाल ठाकरे के जिंदा रहने के दौरान साल 2005 में एक साथ देखे गए थे, लेकिन आज जब दोनों मंच पर एक दूसरे से मिले तो राज ठाकरे ने इसका श्रेय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को दिया।
अब इस मामले में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की प्रतिक्रिया सामने आई है। ठाकरे भाइयों को साथ आने का श्रेय देने के लिए फडणवीस ने राज ठाकरे को 'धन्यवाद' किया। राज ठाकरे की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने वह कर दिखाया है जो कोई और नहीं कर सका, देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'मैं राज ठाकरे का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे उन्हें एक साथ लाने का श्रेय दिया।'
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शिवसेना (UBT) पर हमला
सोलापुर में मीडिया से बात करते हुए सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'मैं राज ठाकरे का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने दोनों भाइयों के साथ आने का श्रेय मुझे दिया, मुझे बालासाहेब ठाकरे का आशीर्वाद मिल रहा होगा। उन्होंने शिवसेना पर हमला करते हुए कहा कि मुंबई नगर निगम 25 साल तक उनके नियंत्रण में था। फिर भी उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया, जिसे दिखाया जा सके।
हमें मराठी होने पर गर्व- CM
सीएम ने कहा, 'हमने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में मुंबई की सूरत बदल दी। हमने मुंबई के लिए जो काम किया, उससे वे ईर्ष्या करते हैं, लेकिन जनता सब जानती है और सभी हमारे साथ हैं। हम मराठी हैं, हमें मराठी होने पर गर्व है, हमें मराठी भाषा पर गर्व है, लेकिन साथ ही हम हिंदू भी हैं, हमारा हिंदुत्व सभी को साथ लेकर चलता है।'
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हताशा में बोल रहे थे उद्धव
फडणवीस ने यह भी कहा कि ठाकरे भाईयों ने मराठी भाषा की जीत का जश्न मनाने के लिए रैली आयोजित की, लेकिन उद्धव हताशा में आकर राजनीति बयान देने लगे। उन्होंने कहा, 'यह मराठी भाषा की जीत की रैली थी लेकिन उद्धव ठाकरे ने राजनीति और सत्ता से बेदखल होने के बारे में बोलना चुना। वे हताशा में बोल रहे हैं क्योंकि 25 साल से ज्यादा समय तक बृहन्मुंबई नगर निगम पर शासन करने के बावजूद उनके पास दिखाने के लिए कुछ नहीं है। इसके विपरीत, हमने शहर में विकास किया है और मुंबई में मराठी मानुष के लिए अथक काम किया है।'
राज ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा राज्य के स्कूलों में तीसरी भाषा के रूप में हिंदी को शामिल करने के दो सरकारी प्रस्तावों को वापस लेने के बाद मुंबई के वर्ली में विजय रैली को संबोधित करते हुए कहा था, 'उद्धव ठाकरे और मैं 20 साल बाद एक साथ आ रहे हैं... जो बालासाहेब ठाकरे नहीं कर सके, हजारों लोग नहीं कर सके, वह देवेंद्र फड़णवीस ने कर दिखाया।'