तमिलनाडु की राजनीति में गुरुवार को बड़ा बदलाव आया है। पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने नेशनल डेमोक्रैटिक अलायंस (NDA) का साथ छोड़ दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के साथ एक मॉर्निंग वॉक करने के चंद घंटों बाद ही पन्नीरसेल्वम के NDA छोड़ने का ऐलान किया गया। उनके करीबी पनरुति एस रामचंद्रन ने कहा है कि वह NDA के साथ गठबंधन तोड़ रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 2026 के विधानसभा चुनाव के लिए पन्नीरसेल्वम जल्द ही पूरे राज्य का दौरा शुरू करेंगे। फिलहाल वह किसी पार्टी से जुड़ने की घोषणा नहीं करेंगे। यह फैसला विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले किया जाएगा।
हालांकि, पन्नीरसेल्वम की पार्टी AIADMK ने उन्हें पहले ही निष्कासित कर दिया था। हाल ही के दिनों में उनकी पार्टी लीडरशिप से तनातनी की खबरें सामने आई थी। पन्नीरसेल्वम ने अपने प्रतिद्वंद्वी और वर्तमान में AIADMK के महासचिव पलानीस्वामी से मतभेदों के बीच अपना अलग गुट बना लिया था। पन्नीरसेल्वम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तमिलनाडु दौरे के वक्त उनसे मिलने का समय मांगा था लेकिन उन्हें इजाजत नहीं मिली थी। इसके बाद पन्नीरसेल्वम ने खुले तौर पर केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने सर्व शिक्षा अभियान के तहत तमिलनाडु को मिलने वाले फंड के रिलीज में देरी को लेकर केंद्र सरकार को घेरा।
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स्टालिन से मुलाकात पर क्या कहा?
NDA छोड़ने पर पन्नीरसेल्वम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। हालांकि, इसमें उन्होंने कुछ नहीं कहा। उनकी जगह उनके करीबी पनरुति एस रामचंद्रन ने ही पत्रकारों को सारी जानकारी दी। वहीं, जब NDA छोड़ने से पहले स्टालिन के साथ मॉर्निंग वॉक पर सवाल किया गया तो पन्नीरसेल्वम ने कहा, 'मैं जब भी चेन्नई आता हूं तो मॉर्निंग वॉक के लिए थियोसोफिकल सोसायटी जरूर जाता हूं। आज सुबह भी ऐसा ही हुआ। जब मैं मॉर्निंग वॉक पर निकला तो मुझे वहां CM भी मिल गए और उनसे मुलाकात हो गई।'
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कौन हैं पन्नीरसेल्वम?
जयललिता की मौत के बाद 2016 में AIADMK ने पन्नीरसेल्वम को नेता चुनकर मुख्यमंत्री बनाया था। वह पहली बार साल 2001 में तब मुख्यमंत्री बने थे जब सुप्रीम कोर्ट ने जयललिता को CM पद पर रहने के लिए अयोग्य ठहरा दिया था। इस दौरान वह 6 महीने CM रहे थे, उन पर जयललिता की कठपुतली होने के आरोप लगते थे। इसके बाद जब 2014 में भ्रष्टाचार के केस के चलते जयललिता को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। तब भी वह मुख्यमंत्री बने। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजनीति में आने से पहले ओ पन्नीरसेल्वम चाय दुकान के मालिक हुआ करते थे।