हरियाणा सरकार में मंत्री अनिल विज ने 'कारण बताओ नोटिस' पर प्रतिक्रिया दी है। बेंगलुरु से लौटे अनिल विज ने एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में कहा कि वो पहले घर जाएंगे, नहाएंगे, खाएंगे और फिर नोटिस पर जवाब देंगे।
हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पर हमलावर होने पर बीजेपी ने अनिल विज को 'कारण बताओ नोटिस' जारी किया था।
क्या बोले अनिल विज?
अनिल विज तीन दिन से बेंगलुरु में थे। मंगलवार शाम वो वापस लौटे। लौटने के बाद एयरपोर्ट पर जब मीडिया ने नोटिस को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा, 'नोटिस का पता मुझे मीडिया से चला। क्या जवाब देना है, ये मैं आपके माध्यम से थोड़ी दूंगा।'
उन्होंने कहा, 'मैं तीन दिन से बेंगलुरु में था। वहां से आया हूं। पहले घर जाऊंगा, ठंडे पानी से नहाऊंगा, खाना खाऊंगा और फिर हाईकमान को अपना जवाब भेजूंगा।'
जब उनसे पूछा गया कि क्या ये नोटिस मुख्यमंत्री सैनी की सहमति से दिया गया? तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा, 'किसकी सहमति से नोटिस दिया गया, मुझे इसका नहीं पता।'
सोमवार को भेजा था नोटिस
प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री पर बयानबाजी करने पर बीजेपी ने अनिल विज को 10 फरवरी को कारण बताओ नोटिस भेजा था। इस नोटिस में लिखा है, 'आपने हाल ही में पार्टी के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के खिलाफ बयान दिए हैं। ये गंभीर आरोप हैं और अनुशासन के खिलाफ हैं। इस प्रकार की बयानबाजी से पार्टी की छवि को नुकसान होगा, ये जानते हुए भी आपने ये बयान दिए और ये पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं।' अनिल विज से इस नोटिस पर 3 दिन के भीतर जवाब मांगा गया है।
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अनिल विज ने क्या कहा था?
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली पर गैंगरेप के आरोप हैं। इस पर अनिल विज ने उनसे इस्तीफा मांगा था। विज ने कहा था, 'गैंगरेप का आरोपी प्रदेश अध्यक्ष नहीं रह सकता। हमारे बड़े-बड़े नेताओं पर भी आरोप लगे थे। आडवाणी पर भी आरोप लगे थे और उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। बड़ौली उनसे बड़े तो नहीं हो सकते।'
वहीं, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पर भी विज हमलावर रहे हैं। उन्होंने कहा था, 'जब से सैनी मुख्यमंत्री बने हैं, तब से उड़नखटोले पर ही हैं। नीचे उतरें तो जनता के प्रति देखें।' इससे पहले विज ने कहा था, 'सीएम मंत्रियों की बात भी सुने और सरकार ठीक से चलाएं। मैंने न कभी मुख्यमंत्री का पद मांगा है और न मंत्री का। अब अगर इस पद को कोई छीनना चाहता है तो तो छीन ले। मुझे फर्क नहीं पड़ने वाला। मेरी सीनियोरिटी और विधायकी नहीं छीन सकते। मुझे लोगों ने विधायक बनाया है।'