केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने की धमकी देकर सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इस साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में उनकी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया गया है।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री मांझी ने यह बातें मंगलवार को मुंगेर जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने बिहार विधानसभा में सीट बंटवारे पर बातचीत में दरकिनार किए जाने पर अपनी निराशा जताई।
'हमें बिहार में अपनी योग्यता साबित करनी होगी'
उन्होंने कहा, 'झारखंड और दिल्ली में हमें कुछ नहीं मिला। यह कहा जा सकता है कि मैंने कोई मांग नहीं की। लेकिन क्या यह न्याय है? मुझे नजरअंदाज कर दिया गया क्योंकि इन राज्यों में मेरी कोई हैसियत नहीं थी। इसलिए हमें बिहार में अपनी योग्यता साबित करनी होगी।'
लगता है कि मुझे मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ेगा- मांझी
निराशा जताते हुए केंद्रीय मंत्री मांझी ने कहा, 'ऐसा लगता है कि मुझे मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ेगा।' उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि उनका एनडीए के साथ कोई टकराव नहीं है, बल्कि वह बिहार में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के लिए बेहतर समझौते की अपील कर रहे हैं। हालांकि, बाद में पूर्व सीएम ने अपनी मंशा जाहिर करते हुए कहा कि वह बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के लिए 40 सीटें चाहते हैं।
'हम' प्रमुख ने कहा, 'कुछ लोग कह सकते हैं कि मैं एनडीए के साथ लड़ रहा हूं। लेकिन, नरेन्द्र मोदी का नेतृत्व ऐसा है कि विद्रोह का कोई सवाल ही नहीं उठता।' उन्होंने कहा कि मैं एक दलील दे रहा हूं, मेरी तरफ से कोई टकराव नहीं है। बता दें कि मांझी बिहार की गया लोकसभा से सांसद हैं।
आरजेडी का मांझी को ऑफर
मांझी के इस बयान के बाद एनडीए से नाराजगी बाहर आ गई है। इस बीच बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने जीतन राम मांझी को फौरन अपनी तरफ आने का ऑफर दे दिया। राजद प्रवक्ता मृत्युनय तिवारी ने कहा कि अगर मांझी सच में मानते हैं कि दलितों को अच्छा व्यवहार मिलना चाहिए, तो उन्हें सत्ता के सुखों से दूर होकर लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आएं। उन्हें सामाजिक न्याय के संघर्ष में शामिल होना चाहिए।