दिल्ली में शनिवार को हुई भगदड़ के बाद शुक्रवार को पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने रविवार को महाकुंभ को 'फालतू' बताया। इसके अलावा भगदड़ में हुई मौतों के लिए उन्होंने रेलवे को जिम्मेदार ठहराया। इस भगदड़ में करीब 18 लोगों की जान चली गई थी।
जब लालू यादव से क्राउड मैनेजमेंट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'कुंभ का कहां कोई मतलब है, फालतू है कुंभ'।
लालू यादव ने कहा, 'घटना बहुत ही दुखद है और पीड़ितों के प्रति मेरी संवेदना है। यह रेलवे के मिसमैनेजमेंट से हुई है और रेल मंत्री को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।'
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स्टेशन पर थे हजारों लोग
शनिवार को रात 10 बजे जिस वक्त यह दुर्घटना हुई, उस वक्त स्टेशन पर हजारों लोग मौजूद थे और वे सभी लोग प्रयागराज के लिए ट्रेन पकड़ने की कोशिश कर रहे थे.
प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर उस वक्त भीड़ काफी बढ़ गई जब प्रयागराज एक्सप्रेस वहां पर खड़ी थी। डीसीपी (रेलवे) कल्पेश मिश्रा ने कहा कि इसके अलावा स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुबनेश्वर राजधानी की वजह से प्लेटफॉर्म नंबर 12,13 और 14 पर भीड़ काफी बढ़ गई थी।
चश्मदीदों के मुताबिक वहां पर कोई भी भीड़ को कंट्रोल करने के लिए उपस्थित नहीं था। तभी एक एनाउंसमेंट हुई कि प्लेटफॉर्म नंबर 12 पर आने वाली ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर 16 पर आएगी। इसकी वजह से लोग इधर-उधर भागने लगे जिससे भगदड़ मच गई।
योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, '..कल नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी। मैं उन सभी लोगों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ जिन्होंने अपनी जान गंवाई।'
वही आम आदमी पार्टी नेता राघव चड्ढा ने कहा, 'यह बहुत ही दुखद घटना है और मुझे लगता है कि इस पूरी घटना ने पूरे देश की आत्मा को झकझोर दिया है। मैं इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में अपनी जान गंवाने वालों के परिवारों को शक्ति देने की प्रार्थना करता हूँ, और जो लोग घायल हुए हैं उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ। यह पूरी घटना हमारी भारतीय रेल की कुप्रबंधन और लापरवाही के स्तर को दर्शाती है। 11 फरवरी को संसद में बोलते हुए मैंने कहा था कि हमारी भारतीय रेल की हालत ऐसी हो गई है कि आम जनता को आलू की बोरियों की तरह रेल में ठूंस दिया जाता है।'
वहीं शशि थरूर ने भी कहा यह काफी दुखद है। इस तरह के नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती है। जब भी भीड़ ज्यादा होती है तो हम इस तरह की घटना को बुलावा देते हैं। इसके लिए ज्यादा कड़े कदम उठाने की जरूरत है।
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