महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बीमार चल रहे थे। वे चुनावी भागदौड़ से थकने के बाद वे सतारा में अपने पैतृक गांव चले गए थे। एकनाथ शिंदे ने कहा है कि अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं। दिल्ली में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के साथ मुलाकात के बाद एकनाथ शिंदे के अचानक मुंबई छोड़कर जाने को लेकर कई सवाल उठे। लोगों ने कहा कि वे मुख्यमंत्री पद न मिलने से नाराज हैं। अब रविवार को खुद उन्होंने सफाई पेश की है।
एकनाथ शिंदे ने रविवार को कहा, 'मैं अब ठीक हूं। मैं व्यस्त चुनावी कार्यक्रम के बाद आराम करने के लिए यहां आया था। मैंने मुख्यमंत्री के तौर पर अपने 2.5 साल के दौरान कोई छुट्टी नहीं ली। लोग अभी भी मुझसे मिलने के लिए यहां आते हैं। यही वजह है कि मैं बीमार पड़ गया। यह सरकार लोगों की बात सुनेगी।"
एकनाथ शिंदे ने कहा है कि वे भारतीय जनता पार्टी को बिना शर्त समर्थन दे रहे हैं। केंद्रीय नेतृत्व का जो भी फैसला होगा, वे उसे स्वीकार करेंगे, पीछे नहीं हटेंगे। एकनाथ शिंदे ने कहा कि पिछले ढाई साल में महाराष्ट्र में उनकी सरकार के काम को स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने कहा, 'यही कारण है कि लोगों ने हमें ऐतिहासिक जनादेश दिया है और विपक्ष को विपक्ष का नेता चुनने का मौका नहीं दिया। महायुति के तीनों सहयोगी दलों में अच्छी समझ है।'
'2 दिसंबर को तय होगा कौन होगा सीएम'
महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा, इस सवाल का भी जवाब एकनाथ शिंदे ने दिया। उन्होंने कहा कि सोमवार को इस पर फैसला किया जाएगा। उनसे पहले बीजेपी महाराष्ट्र के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनाकुले ने कहा था कि महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में आजाद मैदान में होगा। एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने कहा था कि मुख्यमंत्री पद का चेहरा बीजेपी के पास जाएगा, जबकि एक-एक डिप्टी सीएम एनसीपी और शिवसेना से चुने जाएंगे।
एकनाथ शिंदे को हुआ क्या था?
एकनाथ शिंदे अचानक बीमार पड़ गए थे। डॉक्टरों ने उनकी जांच की। उनके फैमिली डॉक्टर आरएम पार्टे ने कहा कि उन्हें गले में संक्रमण था। वे बुखार से जूझ रहे थे। उन्हें दवाइयां दी गई हैं। एकनाथ शिंदे से जुड़े सहयोगियों ने कहा कि वे कई दिनों से बीमार चल रहे थे।