भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को लेकर एक बार फिर विवाद छिड़ गया है। बीजेपी हमेशा नेहरू को टारगेट करती रहती है। अब हरियाणा के पूर्व सीएम और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि जवाहर लाल नेहरू 'गलती से (He became Prime Minister by accident)' भारत के प्रधानमंत्री बन गए थे।
उन्होंने कहा कि अगर उस समय किसी और को प्रधानमंत्री बनाने की बात सोच सकते थे तो वह सरदार वल्लभ भाई पटेल के बारे सोच सकते थे या फिर डॉ. आंबेडकर के बारे में सोच सकते थे।
एक इवेंट में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने डॉ. अंबेडकर की विरासत को सम्मान देने में भाजपा की भूमिका पर कहा, 'संविधान हमारा पवित्र ग्रंथ है और हमें इसे आकार देने में डॉ. आंबेडकर के योगदान को हमेशा याद रखना चाहिए। हमें समय-समय पर इस पर चिंतन करना चाहिए।'
'अंतिम संस्कार के लिए नहीं मिली जगह'
डॉ. आंबेडकर को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था, उदाहरण के लिए, उनकी मृत्यु के बाद, उन्हें दिल्ली में अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं दी गई थी।
सरकार के सत्ता में आने के बाद, आंबेडकर के नाम से जुड़े पांच पवित्र स्थलों की स्थापना की गई। इस कार्यकाल के दौरान डॉ. आंबेडकर के प्रति सम्मान का बड़ा प्रदर्शन हुआ, जो पहले कभी नहीं हुआ था।'
यह बयान पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के 92 वर्ष की आयु में निधन के कुछ सप्ताह बाद आया है। उनकी मृत्यु के बाद, अंतिम संस्कार वाले स्थल पर एक स्मारक बनाने को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया, जैसा कि सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों के मामले में होता रहा है।
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कांग्रेस ने किया पलटवार
दिल्ली में 5 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर खट्टर ने भाजपा की जीत पर भरोसा जताया। उन्होंने शुक्रवार को कहा था, 'इस बार (अरविंद) केजरीवाल और उनकी पार्टी दिल्ली में सरकार नहीं बना पाएगी। भाजपा गति पकड़ रही है और अच्छा प्रदर्शन करेगी।'
पिछले साल अक्टूबर में भाजपा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में शानदार जीत दर्ज की थी, जब नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री पद संभाला था।
उनके इस बयान पर टिप्पणी करते हुए दीपेंद्र हुड्डा ने कहा जो खुद ही ऐक्सीडेंटल चीफ मिनिस्टर बन गया हो उसे इस तरह की बात नहीं करनी चाहिए।
पहले भी हुआ है विवाद
नेहरू के प्रधानमंत्री बनने को लेकर पहले भी विवाद हो चुका है। सितंबर 2023 में कर्नाटक के बीजेपी विधायक बसनगौडा पाटिल यतनाल कहा था कि पहले प्रधानमंत्री नेहरू नहीं बल्कि सुभाष चंद्र बोस थे। उन्होंने कहा था कि अंग्रेजों ने इसलिए देश छोड़ा क्योंकि सुभाष चंद्र बोस ने उनके दिल में डर पैदा कर दिया था।
इसके अलावा कुछ दिन पहले बीजेपी ने नेहरू के पत्रों को नेहरू मेमोरियल म्यूजियम को लौटाने को लेकर घेरने की कोशिश की थी। बीजेपी का कहना था कि सोनिया गांधी के पास रखे नेहरू के पत्रों को वापस किया जाना चाहिए।
इसी तरह से सितंबर 2019 में उत्तर प्रदेश के खतौली से तत्कालीन बीजेपी विधायक विक्रम सिंह सैनी ने नेहरू के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग कर दिया था।