मराठी vs हिंदी: महाराष्ट्र का झगड़ा बिहार कैसे पहुंच गया?
राजनीति
• MUMBAI 07 Jul 2025, (अपडेटेड 07 Jul 2025, 6:57 PM IST)
महाराष्ट्र में मराठी और हिंदी के साथ में बिहार की बात होने लगी है। दोनों तरफ से बिहार और वहां की राजनीति को लेकर बयान सामने आने लगे हैं।

राज और उद्धव ठाकरे। Photo Credit- PTI
काफी समय से शांत पड़ी महाराष्ट्र की सियासत में उबाल आ गया है। इस उबाल की नई धुरी उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे बने हैं, दोनों नेता राज्य में मराठी के ऊपर हिंदी को थोपे जाने का कड़ा विरोध कर रहे हैं। दरअसल, महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने राज्य के स्कूलों में कक्षा 1-5 तक के बच्चों को हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य करने का फैसला लिया था, जिसका ठाकरे ब्रदर्स ने विरोध किया। उद्धव और राज के 20 साल बाद एक साथ आने और विरोध करने के बाद फडणवीस सरकार ने स्कूलों में बच्चों को हिंदी पढ़ाने का फैसला वापस ले लिया।
बच्चों को हिंदी पढ़ाने का फैसला वापस होने के बाद शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे ने दो दशक बाद मंच साझा किया। दोनों ने मिलकर 'आवाज मराठीचा' नाम से विजय रैली का आयोजन किया। साथ ही दोनों ने मराठी भाषा और मराठी गौरव की बात की। यह रैली महायुति सरकार के स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य करने के फैसले को वापस लेने की जीत के बाद की। इस रैली में उद्धव ठाकरे, शिवसैनिकों के पुराने अंदाज में नजर आए तो राज ठाकरे ने उग्र भाषा और क्षेत्रीय राजनीति के बारे में बात की।
राज ठाकरे के बयान से बढ़ी बात
रैली के दौरान राज ठाकरे ने मनसे कार्यकर्ताओं से कहा कि अगर वे मराठी भाषा को लेकर किसी पर हमला करते हैं, तो उसका वीडियो न बनाएं। उन्होंने कहा कि चाहे गुजराती हो या कोई और उसे मराठी आनी चाहिए। अगर कोई मराठी नहीं बोलता तो उसे पीटने की जरूरत नहीं है। अगर कोई ड्रामा करता है तो आपको उसके कान के नीचे मारना चाहिए।
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महाराष्ट्र की बात में बिहार कहां से आया?
मुंबई के वर्ली में हुई इस रैली के बाद ठाकरे बंधु बीजेपी के निशाने पर आ गए हैं। दोनों तरफ से बयानबाजियों के तीर चलाए जा रहे हैं लेकिन इसी बीच एमएनएस-शिवसेना और बीजेरी मराठी vs हिंदी की बहस करते-करते बिहार पहुंच गए हैं। महाराष्ट्र में मराठी और हिंदी के साथ में बिहार की बात होने लगी है। दोनों तरफ से बिहार और वहां की राजनीति को लेकर बयान सामने आने लगे हैं। आइए जानते हैं कि महाराष्ट्र में मराठी-हिंदी और बिहार को लेकर क्या कुछ बातें हो रही हैं...
बीजेपी नेता 'निरहुआ' ने दी चुनौती
राज ठाकरे के अपने कार्यकर्ताओं को पीटने का अधिकार देने के बयान के बाद सबसे पहले भोजपुरी अभिनेता और बीजेपी नेता दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' ने उनको चुनौती दी। दरअसल, महाराष्ट्र में के कई जगहों पर गैर मराठी भाषी लोगों को परेशान किया गया है। सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो वायरल हुए हैं जहां, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने कई ऐसे लोगों की पिटाई की है जो मराठी नहीं बोल पा रहे हैं।
भाषा को बढ़ते विवाद के बीच दिनेश लाल यादव ने राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे को चुनौती दी है कि अगर हिम्मत हैं तो दोनों महाराष्ट्र से बाहर आकर दिखाएं। निरहुआ ने ठाकरे बंधुओं को चुनौती दी है कि वे भोजपुरी में बोलने पर उन्हें महाराष्ट्र से बाहर निकालें। वहीं, भोजपुरी अभिनेता की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए मनसे नेता ने कहा कि अगर दिनेश लाल यादव में हिम्मत है तो उन्हें महाराष्ट्र का दौरा करना चाहिए।
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सांसद निशिकांत दुबे का हमला
इस बीच बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने भी ठाकरे ब्रदर्स पर हमला किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'हिंदी भाषी लोगों को मुम्बई में मारने वाले अगर हिम्मत है तो महाराष्ट्र में उर्दू भाषियों को मार कर दिखाओ। अपने घर में तो कुत्ता भी शेर होता है? कौन कुत्ता कौन शेर खुद ही फैसला कर लो।'
मुम्बई में शिवसेना उद्धव,मनसे राज ठाकरे और एनसीपी पवार साहब में और कश्मीर से कश्मीरी हिंदुओं को भगाने वाले सलाउद्दीन,मौलाना मसूद अज़हर तथा मुम्बई में हिंदुओं के उपर अत्याचार करने वाले दाउद इब्राहिम में क्या फर्क है? एक ने हिंदू होने के नाते अत्याचार किया दूसरे हिंदी के कारण…
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) July 6, 2025
राज ठाकरे के 'पीटने पर वीडियो न बनाएं' वाले बयान पर सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, 'आप लोग हमारे पैसे से जी रहे हैं। आपके पास किस तरह के उद्योग हैं? अगर आप इतने साहसी हैं और हिंदी बोलने वालों को पीटते हैं, तो आपको उर्दू, तमिल और तेलुगु बोलने वालों को भी पीटना चाहिए। अगर आप इतने बड़े 'बॉस' हैं, तो महाराष्ट्र से बाहर आएं, बिहार, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु में आएं - 'तुमको पटक पटक के मारेंगे'। हम सभी मराठी और महाराष्ट्र के लोगों का सम्मान करते हैं, जिन्होंने भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी। बीएमसी चुनाव होने वाले हैं इसलिए, राज और उद्धव सस्ती राजनीति कर रहे हैं। अगर उनमें हिम्मत है तो उन्हें माहिम जाना चाहिए और माहिम दरगाह के सामने किसी भी हिंदी या उर्दू बोलने वाले को पीटना चाहिए।'
निशिकांत दुबे के बयान पर ठाकरे की प्रतिक्रिया
शिवसेना (यूबीटी) चीफ उद्धव ठाकरे ने सोमवार को इस मामले पर कहा, 'हम हिंदी भाषा के खिलाफ नहीं हैं। वे मराठी लोगों की तुलना पहलगाम के आतंकवादियों से कर रहे हैं, वे असली मराठी हत्यारे हैं। वे हिंदुओं को भी नहीं बचा सकते, वे उन लोगों का साथ दे रहे हैं जो मराठी के साथ अन्याय करते हैं। मूल बीजेपी, जिसका शिवसेना के साथ गठबंधन था, मर गया है... हम एक साथ आए हैं और ये लोग तब से गुस्से में हैं।'
Mumbai: Siv Sena (UBT) Chief Uddhav Thackeray says, "... We are not against the Hindi language... They are comparing Marathi people to the terrorists of Pahalgam, they are the real Marathi killers... They cannot save Hindus either, they are siding with those who do injustice to… pic.twitter.com/qZ8FsGvnix
— ANI (@ANI) July 7, 2025
वहीं, बीजेपी नेता निशिकांत दुबे के बयान पर शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि बीजेपी तोड़ो-फोड़ो राज करो का खेल खेलती है। उन्होंने कहा, 'ये (निशिकांत दुबे) उत्तर भारतीय नहीं है ये बीजेपी का सांसद है और ये बीजेपी की मानसिकता है उत्तर भारत ऐसा नहीं है। महाराष्ट्र में उत्तर भारतीय,दक्षिण भारतीय, पूरे देश से लोग यहां सपना लेकर आते हैं। बीजेपी का ये खेल है कि तोड़ो-फोड़ो और राज करो।'
'हमारी लड़ाई बीजेपी की शक्ति के खिलाफ'
विधायक आदित्य ठाकरे ने आगे कहा, 'हमारी लड़ाई सरकार के खिलाफ थी किसी भाषा के खिलाफ नहीं थी, हमारी लड़ाई बीजेपी की शक्ति, जो हिंदी की शक्ति के खिलाफ थी किसी भाषा के खिलाफ नहीं थी और यही मैं कहना चाहता हूं कि निशिकांत दुबे उत्तर भारत का प्रतीक नहीं है और मैं यही कहना चाहता हूं कि जो ऐसे लोग हैं जो आग लगना चाहते हैं आप उनकी बात पर ध्यान न दें तो इनकी राजनीति नहीं चलेगी।'
शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने हिंदी बनाम मराठी को लेकर चल रहे विवाद पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि यह विवाद केवल पक्षपातपूर्ण मीडिया या सोशल मीडिया पर है। अन्यथा, महाराष्ट्र में हिंदी बनाम मराठी जैसी कोई बात नहीं है। विवाद सिर्फ़ कक्षा 1 के छात्रों पर तीन भाषाओं के बोझ के बारे में था और तीसरी भाषा हिंदी क्यों होनी चाहिए? महाराष्ट्र में कई भाषाएं बोली जाती हैं लेकिन हम अपने ही राज्य में अपनी मातृभाषा का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम किसी भी भाषा को थोपना बर्दाश्त नहीं करेंगे।'
मराठी के खिलाफ बोलना स्वीकार नहीं करेंगे- रोहित पवार
वहीं, सांसद निशिकांत दुबे के बयान पर NCP-SP विधायक रोहित पवार ने कहा, 'मैं निशिकांत दुबे से अनुरोध करता हूं कि वे बिहार के लिए विशेष चुनावी रणनीति महाराष्ट्र में लागू करने की कोशिश ना करें। जब वे पश्चिम बंगाल और बिहार के चुनावों के बारे में सोच रहे हैं, तो वे महाराष्ट्र में एकता की भावना को बिगाड़ रहे हैं। हम कह रहे हैं कि जो लोग राज्य और मराठी भाषा के खिलाफ बोलते हैं, वे गलत कर रहे हैं। अगर आप यहां राज्य और मराठी के खिलाफ बोलते हैं, तो इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। हम बीजेपी सांसद से इनुरोध करते हैं कि वो ऐसा बयान महाराष्ट्र में आएं और देकर दिखाएं।'
#WATCH | On BJP MP Nishikant Dubey's statement on Marathi langugae row, NCP-SCP MLA Rohit Pawar says, " I request Nishikant Dubey ji not to try and implement election strategies specific to Bihar in Maharashtra. While he is thinking of the West Bengal and Bihar elections, he is… pic.twitter.com/b6Htp0xFfu
— ANI (@ANI) July 7, 2025
विधायक रोहित पवार ने इसके साथ ही दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा, 'निरहुआ बिहार की राजनीति और रणनीति को ध्यान में रखते हुए बयान दे रहा है... जैसे सुशांत सिंह राजपूत केस में हुआ था.. वैसा ही माहौल बनाने की कोशिश कर रहा है। वो हीरो बनने की कोशिश कर रहा है। एक बार महाराष्ट्र आकर दिखाओ.. फिर देखते हैं क्या होता है? अगर आप महाराष्ट्र और मराठी का सम्मान करना है तो आपका यहां स्वागत है लेकिन खिलाफ बोलोगे तो लोग इसे स्वीकार नहीं करेंगे।'
इसके अलावा रोहित पवार ने महाराष्ट्र के मंत्री आशीष शेलार के बयान पर कहा, 'हम आशीष शेलार के बयान की निंदा करते हैं क्योंकि उन्होंने मराठी लोगों की तुलना आतंकवादियों से की है। हम उन्हें सलाह देते हैं कि वे अपनी पार्टी के उन प्रमुख नेताओं से सावधान रहें जो कुछ नेताओं को ऐसे बयान दिलवाते हैं।'
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