भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद देश और दुनिया से उनके लिए बड़े-बड़े नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी से लेकर अमित शाह और कांग्रेस के अलावा भी देश की सभी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की, लेकिन अब मनमोहन सिंह का निधन राजनीतिक रूप लेता दिख रहा है।
दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कथित रूप से पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की और पत्र लिखकर अपील की है कि उनका अंतिम संस्कार वहीं किया जाए जहां पर उनका स्मारक बनाया जा सके।
क्या है विवाद
खड़गे ने पत्र लिखकर मांग की है कि मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार वहीं किया जाए जहां पर उनका स्मारक बनाया जाए। खबरों के मुताबिक सरकार ने इस पर अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। अभी तक की योजना के मुताबिक मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार को निगम बोध घाट पर होना है।
खड़गे ने पत्र में लिखा, 'यह उसी परंपरा के हिसाब से होगा जिसके अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री का स्मारक वहीं बनाया जाता है जहां पर उनका अंतिम संस्कार किया जाता है। डॉ मनमोहन सिंह को देश बहुत ही सम्मान के भाव से देखता है।'
खड़गे ने कहा, 'जब देश गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा था, तब वित्त मंत्री के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह ही थे, जिन्होंने भारत को इस संकट से बाहर निकाला और देश को आर्थिक समृद्धि और स्थिरता की ओर अग्रसर किया… एक साधारण पृष्ठभूमि से आने और विभाजन के दर्द और पीड़ा को झेलने के बाद, यह उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प था कि वे दुनिया के अग्रणी राजनेताओं में से एक बन गए'
क्यों महत्त्वपूर्ण है यह मांग
कांग्रेस की यह मांग इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि उसके ऊपर इस बात के आरोप लगते रहे हैं कि वह गांधी-नेहरू परिवार के अलावा किसी और को महत्त्व नहीं देती।
शुक्रवार को, पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने दिल्ली में बैठक की और सिंह के निधन पर शोक प्रस्ताव पारित किया। शोक प्रस्ताव में कहा गया, 'जिनके जीवन और कार्य ने भारत के भाग्य को बेहतर आकार दिया है। डॉ. सिंह भारत के राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य में एक महान व्यक्ति थे, जिनके योगदान ने देश को बदल दिया और उन्हें दुनिया भर में सम्मान मिला'।
सरकार ने नहीं दिया जवाब
हालांकि, इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र ने इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। कांग्रेस का अगुवाई वाली यूपीए ने खुद ही अलग से जगह की कमी का हवाला देकर स्मारक बनवाए जाने को लेकर बाधा बनी थी। यूपीए सरकार ने 2013 में फैसला किया था कि राज घाट पर कॉमन मेमोरियल ग्राउंड राष्ट्रीय स्मृति स्थल बनाया जाए।
वित्त मंत्री के रूप में निभाई अहम भूमिका
अर्थशास्त्री होने के साथ-साथ मनमोहन सिंह ने रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में भी काम किया। 1991 सै 1996 के बीच उन्होंने देश के वित्त मंत्री के रूप में काम किया। उस वक्त देश वित्तीय संकट से गुजर रहा था। उनके द्वारा लाई गई वित्तीय नीति को पूरी दुनिया में सराहा गया।
इसके अलावा उनकी सरकार ने नरेगा को लागू किया जिसने ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में काफी बड़ी भूमिका निभाई।
किस पूर्व प्रधानमंत्री का मेमोरियल कहां है
जवाहर लाल नेहरू- शांतिवन
लाल बहादुर शास्त्री- विजय घाट
इंदिरा गांधी- शक्ति स्थल
चरण सिंह- किसान घाट
राजीव गांधी- वीर भूमि
पीवी नरसिम्हा राव- ज्ञान भूमि
चंद्र शेखर - जननायक स्थल
इंद्र कुमार गुजराल- स्मृति स्थल
अटल बिहारी वाजपेयी - सदैव अटल