दिल्ली में जुटे 16 दलों के नेता, PM मोदी को चिट्ठी लिखकर क्या मांगा?
राजनीति
• NEW DELHI 03 Jun 2025, (अपडेटेड 03 Jun 2025, 2:25 PM IST)
दिल्ली में एक मीटिंग के बाद 16 विपक्षी दलों ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करवाई जाए।

दिल्ली में जुटे विपक्ष के नेता, Photo Credit: PTI
विपक्षी पार्टियों की ओर से लगातार मांग की जा रही है कि पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी देने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया जाय। इसी मांग को और मजबूत तरीके से रखने के लिए मंगलवार को दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में 16 विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल हुए। इस मीटिंग के बाद विपक्षी नेताओं ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है और मांग की है कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर यह बताएं कि किस स्थिति में भारत और पाकिस्तान ने संघर्ष विराम हुआ? शिवसेना (उद्धव बाला साहब ठाकरे) के सांसद संजय राउत ने तंज कसते हुए कहा है कि क्या अब विशेष सत्र के लिए भी डोनाल्ड ट्रंप के पास जाना होगा?
इस मीटिंग में कांग्रेस की ओर दीपेंद्र हुड्डा, समाजवादी पार्टी की ओर से रामगोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस की ओर से डेरेक ओ ब्रायन, शिवसेना (UBT) की ओर से संजय राउत, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की ओर से मनोज कुमार झा और कई अन्य नेता इस मीटिंग में शामिल हुए। मीटिंग के बाद डेरेक ओ ब्रायन, प्रोफेसर रामगोपाल, दीपेंद्र हुड्डा, संजय राउत और मनोज कुमार झा ने अपनी बात भी रखी। इन सभी नेताओं ने एक स्वर में मांग की है कि संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए।
संजय राउत ने पूछा- ट्रंप के पास जाना होगा क्या?
शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा, 'हमने प्रधानमंत्री को जो लेटर लिखा है, वह कोई सामान्य लेटर नहीं है। हम प्रमुख विपक्षी पार्टी हैं। विपक्षी पार्टियां ही देश की जनता की असली आवाज हैं। हम चाहते हैं कि देश में जो हुआ है, उसके लिए एक विशेष सत्र बुलाकर चर्चा हो तो लोकतंत्र की प्रतिष्ठा रहेगी और देश की जनता को सच पता चलेगा। अगर राष्ट्रपति ट्रंप के कहने से आप युद्ध विराम कर सकते हैं तो विपक्षी पार्टियों के कहने से आप विशेष सत्र क्यों नहीं बुला रहे हो? क्या स्पेशल सेशन के लिए हमको ट्रंप के पास जाना पड़ेगा? हम तो अपने प्रधानमंत्री के पास ही जाएंगे।'
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#WATCH | Delhi: After the meeting of the INDIA alliance, Shiv Sena (UBT) MP Sanjay Raut says, "There are signatures of 16 political parties on the letter that we have written to the Prime Minister. This is not a normal letter. The opposition is the voice of the public. We want a… pic.twitter.com/74AzQuYbni
— ANI (@ANI) June 3, 2025
उन्होंने आगे कहा, 'हम सबको विश्वास है कि देश जब संकट में था तो आपको हम सबकी जरूरत पड़ी थी कि देश एक है और हम सब एक हैं। हमने आपका समर्थन किया। हमने यह नहीं कहा कि फलाना-फलाना 10 साल में किया है और आगे जाकर भी यही करेंगे, हमने कहा कि देश संकट में है और हमें आपके साथ रहना है लेकिन अगर आप संसद का विशेष सत्र बुलाने में राजनीति करते हैं तो यह देश की प्रतिष्ठा के लिए और लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।'
मीटिंग के बाद आरजेडी के सांसद प्रोफेसर मनोज कुमार झा ने कहा, 'पहलगाम पूरे देश की सामूहिक पीड़ा था। पूरा देश हम की भावना से सोच रहा था। इसके बावजूद कुछ चिंता के लक्षण हुए। दुनिया के एक देश के राष्ट्रपति हर दिन सरपंचई कर रहे हैं। 15 दिन में 13 बयान दे दिए। उनको संदेश कौन देगा? वह है संसद। इसकी चर्चा सोशल मीडिया या टीवी डिबेट में नहीं हो सकती है, इसका चर्चा संसद में ही हो सकती है। वह दलों के दायरे से ऊपर है। यह 140 करोड़ हिंदुस्तानियों का मसला है। यह पक्ष-विपक्ष का मामला है।'
#WATCH | Delhi: After the meeting of the INDIA alliance, RJD MP Manoj Jha says, "...US President Donald Trump made 13 statements in 15 days and those statements have hurt India's sentiments. As a community and a nation, we are hurt... If Parliament is called for this, we will… pic.twitter.com/llYlwFhEq7
— ANI (@ANI) June 3, 2025
विशेष सत्र बुलाने की मांग
पीएम मोदी को लिखी गई चिट्ठी पर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, DMK, शिवसेना (UBT), RJD, नेशनल कांफ्रेंस, सीपीएम, IUML, CPI, RSP, JMM, CPI (ML) और कुछ अन्य दलों के नेताओं ने इस पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इस मीटिंग के बाद कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा, 'इंडिया गठबंधन के 16 राजनीतिक दलों ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है कि संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए। पहलगाम आतंकवादी हमले तथा भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान, सभी विपक्षी दल हमारे सशस्त्र बलों और भारत सरकार के समर्थन में खड़े थे।’
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उन्होंने कहा, 'जब अमेरिका ने संघर्षविराम की घोषणा की तब हमने मांग की कि संसद का एक विशेष सत्र बुलाया जाए ताकि सभी दल हमारे सशस्त्र बलों को धन्यवाद दे सकें और सरकार बिंदुवार अपनी बात रखे।' हुड्डा ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले से लेकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और अमेरिका द्वारा संघर्ष विराम का ऐलान किए जाने तक पर संसद में चर्चा होनी चाहिए। उनका कहना था, 'हमें आतंकवाद को कैसे खत्म किया जाए और अपनी आगे की रणनीति पर भी संसद में चर्चा करनी चाहिए। अब जब भारत सरकार दुनिया के सामने अपने विचार रख रही है तो मुझे लगता है कि सरकार को संसद में भी ऐसा ही करना चाहिए।’
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