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वायनाड में कांग्रेस नेता की मौत से बढ़ा राजनीतिक विवाद, क्या है मामला?

प्रियंका गांधी के निर्वाचन क्षेत्र वायनाड में हुई दो आत्महत्याओं ने कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। इस बीच माकपा और भाजपा ने सहकारी बैंक में नौकरी के लिए नकदी धोखाधड़ी का मुद्दा उठाया है।

Political row over suspected suicide of Wayanad DCC treasurer and son

कांग्रेस का फ्लैग, Image Credit: PTI

केरल के वायनाड में कांग्रेस नेता और बेटे की मौत से खलबली मच गई है। 78 वर्षीय एन एम विजयन और उनके 38 साल के बेटे जिजेश की जहर खाने से आत्महत्या के मामले की जांच पुलिस ने शुरू कर दी है। आगे की कार्रवाई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद की जाएगी।

 

पड़ोसियों का कहना है कि विजयन और जिजेश को जहर खाने के बाद उनके घर पर गंभीर हालत में पाया गया था। पहले उन्हें प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन बाद में दोनों को कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया। 

 

माकपा और भाजपा ने उठाया यह मुद्दा

कांग्रेस नेता और उनके बेटे की संदिग्ध आत्महत्या ने वायनाड में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। माकपा और भाजपा ने वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से जुड़े एक सहकारी बैंक में नौकरी के लिए नकदी धोखाधड़ी का मुद्दा उठाया है। ऐसे में वायनाड का प्रतिनिधित्व कर रहीं प्रियंका गांधी वाड्रा पर सवालों की झड़ी लग गई है। 

 

इस बीच सीपीआई (एम) के जिला सचिव के रफीक ने कहा कि कांग्रेस के सुल्तान बाथरी विधायक आई सी बालाकृष्णन (जो कभी वायनाड जिले के कांग्रेस अध्यक्ष थे) और पार्टी नेतृत्व पर 'आत्महत्या के लिए उकसाने' का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। कांग्रेस नेताओं ने सहकारी शहरी क्षेत्र में नौकरियों का वादा करके बड़ी मात्रा में पैसा हड़प लिया और उन्हें देने में विफल रहे, इसलिए उम्मीदवार चाहते थे कि विजयन और अन्य नेता पैसे वापस करें। रफीक ने दावा किया कि कांग्रेस ने विजयन और उनके बेटे को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया।'

 

कोई सुसाइड नोट नहीं मिला

विजयन और बेटे जिजेश की शुक्रवार को कोझिकोड के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई। सुल्तान बाथरी के पुलिस उपाधीक्षक (डीवाईएसपी) के के अब्दुल शरीफ ने कहा कि उन्हें कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है और न ही परिवार की ओर से कोई शिकायत मिली है लेकिन अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज कर लिया गया है। 


केरल भाजपा अध्यक्ष के. सुरेन्द्रन ने बालकृष्णन की गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा, 'विधायक को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और नौकरी धोखाधड़ी में पैसा गंवाने वालों की शिकायतों की जांच की जानी चाहिए। सुल्तान बाथरी में कांग्रेस द्वारा नियंत्रित सहकारी बैंक से जुड़ा कथित घोटाला 2019 का है।

 

कैश फॉर जॉब स्कैम क्या?

माकपा और भाजपा ने दावा किया है कि विजयन ने बालकृष्णन सहित कांग्रेस नेताओं के इशारे पर नौकरी के इच्छुक लोगों से लाखों रुपये लिए, उन्हें बैंक में पद दिलाने का वादा किया। बालकृष्णन के नाम वाले पत्र में कहा गया है कि सुल्तान बाथरी सहकारी बैंक में नौकरी के लिए 30 लाख रुपये का भुगतान किया गया था। विजयन ने कांग्रेस के वायनाड जिले के कोषाध्यक्ष के रूप में यह धनराशि स्वीकार की थी और वादा किया था कि यदि उम्मीदवार को नौकरी नहीं मिलती है तो वह धनराशि वापस कर देंगे।


हालांकि, बालकृष्णन ने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया और कहा, 'पत्र मनगढ़ंत है। सत्य की जीत होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि 'जब मैं बैंक का अध्यक्ष था, तब मैंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया था। किसी भी आवेदक ने मुझसे संपर्क नहीं किया। मैं पुलिस में शिकायत दर्ज कराऊंगा। जांच से उन सभी लोगों के नाम सामने आएंगे जो लेन-देन में शामिल थे।'

 

'सच्चाई सामने लाना पार्टी की जिम्मेदारी'

वायनाड जिले के मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष एन डी अप्पाचन ने कहा कि उन्होंने राज्य नेतृत्व से घटना और संबंधित आरोपों की जांच करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा, 'मौतों की केरल पीसीसी स्तर की जांच शुरू की जाएगी। सच्चाई सामने लाना पार्टी की जिम्मेदारी है।' विजयन वायनाड में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे और सुल्तान बाथरी पंचायत के अध्यक्ष और बाद में नगरपालिका का दर्जा मिलने के बाद पार्षद के पद पर रह चुके थे।

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