जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर की यात्रा लगातार जारी है। बिहार विधानसभा चुनाव में उतरने का ऐलान कर चुकी जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर हर दिन किसी न किसी वजह से चर्चा में रहते हैं। अब प्रशांत किशोर ने कुछ ऐसा कहा है जो वायरल हो गया है। प्रशांत किशोर ने जनता को संबोधित करते हुए कहा है कि अगर नेता लोग पैसा दें तो ले लेना। प्रशांत किशोर ने आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया अरविंद केजरीवाल की तरह जनता से कहते थए कि नेता पैसा बाटें तो इनकार मत करना लेकिन वोट AAP को देना। वैसे ही कुछ अंदाज में प्रशांत किशोर ने कहा है कि पैसे ले लेना, ये आपके ही लूटे हुए पैसे हैं।
बिहार के गरखा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, 'कैसे बदलाव होगा? इसीलिए रास्ता दिखा रहे हैं। अब सब लोग दो संकल्प लीजिए। जिन लोगों ने आपके भविष्य को लूटा है, आपके बच्चों को अनपढ़ और मजदूर बनाया है। जिसने आपके पेट पर लात मारी है, वह चाहे आपके दल का हो या जाति का हो, गांव का हो या विचारधारा, उसको वोट नहीं देना है। पहला संकल्प है यही है, सब लोग हाथ उठाकर बोलिए- जिन नेताओं ने बिहार को लूटा उसको वोट नहीं देना है।'
यह भी पढ़ें- CAA, UCC राम मंदिर, तीन तलाक; 11 साल में कितना पूरा हुआ BJP का एजेंडा?
पैसे लेने की सलाह क्यों दे गए प्रशांत किशोर?
उन्होंने कहा, 'ऐसे नेता आपकी जाति के होंगे तो वोट दोगे? हिंदू-मुसलमान करेगा तो वोट देना है कि नहीं देना है? मुर्गा-भात खिलाएगा तो वोट देना है कि नहीं देना है? 2000 रुपये देगा तो वोट दोगे कि नहीं दोगे?' इस पर जनता ने कहा कि नहीं देंगे। तब प्रशांत किशोर ने कहा, 'हम आपको बता रहे हैं कि पैसा देगा तो लेना है, 1000 रुपया देगा तो लेना है, पूरा सीखकर जाइए। नेता आकर पैसा देगा तो लेना है। हम बताते हैं क्यों लेना है। 5 साल में राशन कार्ड बनाने में 3000 रुपया घूस लिया है कि नहीं लिया है? जाति प्रमाण पत्र बनाने में पैसा लगा है कि नहीं लगा है? थाने में FIR करने जाते हैं तो पैसा लगता है कि नहीं लगता है? बिजली का गलत बिल आ रहा है कि नहीं आ रहा है? ये लोग घर-घर शराब बिकवा रहे हैं कि नहीं बिकवा रहे हैं?'
प्रशांत किशोर ने आगे कहा, 'अरे हमारा ही पैसा लूटकर रखा है। उसमें से 1000 रुपया लाकर देगा तो हम लोग नहीं लेंगे क्या? ले लेंगे। पैसा लेना है क्योंकि आपका ही पैसा है। पैसा लेने के बाद एक संकल्प, एक मंत्र, गरीबी से निकलने का मंत्र सीखना है और उसी को याद रखना है। अगली बार वोट किसी नेता, जाति या पार्टी के लिए नहीं, लालू-नीतीश-मोदी को नहीं अपने-अपने बच्चों के लिए देना है। ताली नहीं बजाना है, हाथ उठाकर संकल्प लेना है।'
यह भी पढ़ें- 'हम मोदी और शाह जैसे साधारण लोगों से नहीं डरते', DMK का BJP पर पलटवार
इससे पहले, बिहार की कानून व्यवस्था पर पूछे गए एक सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा, 'लालू यादव कोई ट्वीट नहीं करते हैं, उनके असिस्टेंट करते हैं लेकिन अगर वह अपराध और कानून-व्यवस्था की बात करते हैं तो यह तो ऐसे ही है कि जंगल का शेर शाकाहारी होने की बात करे। लालू जी अगर कानून व्यवस्था की बात करेंगे तो यह तो वही हुआ कि जंगल का बूढ़ा शेर कहे कि अब मैं दूध पिऊंगा, शाकाहारी बनकर रहेगा, कोई यह बात मानेगा?'
केजरीवाल ने क्या कहा था?
साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल ने भी इसी तरह की बातें कही थीं। तब अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में प्रचार करते समय कहा था, 'चुनाव की रात ये लोग पैसे देने आते हैं कि नहीं? तब आप क्या करेंगे? पैसे ले लेना, मना मत करना लेकिन वोट झाड़ू को ही देना।' 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भी अरविंद केजरीवाल ने कुछ इसी तरह की अपील की थी।