संसद में गांधी परिवार का एक और सदस्य जुड़ गया है। उतार-चढ़ाव वाले सियासी चुनौतियों का सफर तय कर केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्र से जनता ने सांसद के रूप में प्रियंका गांधी वाड्रा को चुन लिया हैं। आज लोकतंत्र के मंदिर में प्रवेश करने के साथ ही प्रियंका की असली राजनीतिक यात्रा का सफर शरू हो गया है। आज यानी 28 नवंबर को प्रियंका गांधी ने संसद सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण की। पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण करने के दौरान उनके भाई राहुल गांधी और मां सोनिया गांधी भी मौजूद रहीं।
गांधी परिवार का एक न एक सदस्य किसी भी सदन का सदस्य है और अब प्रिंयका भी इस लिस्ट में शामिल हो गई है। आज का दिन गांधी परिवार के लिए ऐतिहासिक इसलिए भी रहेगा क्योंकि संसद में बतौर सांसद तीनों सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मौजूद रहे। बता दें कि सोनिया राज्यसभा की सदस्य हैं, जबकि राहुल और प्रियंका लोकसभा के सदस्य हैं।
वायनाड से जीत हासिल
कांग्रेस प्रत्याशी प्रियंका गांधी ने वायनाड लोकसभा उपचुनाव में जीत हासिल की है। राहुल गांधी के इस सीट को छोड़ने के बाद उनकी बहन प्रिंयका गांधी को चुनावी मैदान में उतारा गया था। साढ़े तीन दशक का राजनीतिक अनुभव रखने वाली प्रियंका पहली बार चुनावी मैदान में उतरी और माकपा के सत्यन मोकेरी को 4 लाख से अधिक वोटों से हराया।
हाथ में लाल किताब
हाथ में प्रतीकात्मक तौर पर संविधान की लाल किताब पकड़ी प्रियंका गांधी के तेवर इस बात की ओर इशारा करते है कि वह लोकसभा में भाई राहुल गांधी के तेवर पर ही अपनी भूमिका निभाएंगी।
सबसे लंबे समय से कांग्रेस की स्टार प्रचारक
1999 में अमेठी में अपनी मां के लिए प्रचार करने वाली प्रियंका गांधी कांग्रेस की स्टार प्रचारक और महासचिव रही हैं लेकिन संसदीय राजनीति में उनकी एंट्री 28 नवंबर से हो चुकी हैं। कांग्रेस की रणनीतिक टीम का हिस्सा होने से सदन में विपक्ष को एक ताकत मिलने की उम्मीद है। ऐसे में यह देखना होगा कि आने वाले वक्त में वह सदन के भीतर अपनी कैसी भूमिका निभाती हैं।
शपथ ग्रहण के बाद भाई को नमस्कार
शपथ ग्रहण करने के बाद प्रियंका अपनी सीट की ओर बढ़ी। भाई राहुल पर नजर पड़ी और उन्हें सम्मान के साथ नमस्कार किया। एक-दूसरे का अभिवादन स्वीकार करने के साथ ही प्रियंका के साथ कांग्रेस के और सांसद रविंद्र चव्हाण ने शपथ ग्रहण की। नांदेड़ सीट पर हुए उपचुनाव में रविंद्र जीते हैं।