कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की 'संविधान बदलने' संबंधी कथित टिप्पणी से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। उनके इस बयान से लोकसभा में भी सोमवार को काफी हंगामा हुआ। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने उन्हें बर्खास्त किए जाने की मांग सदन में उठाई।
शिवकुमार के इस बयान के बाद लोकसभा में हंगामा इतना बढ़ा कि लोकसभा को कुछ समय के लिए स्थगित करना पड़ा।
रिजिजू ने कहा, 'सदन कैसे सबकुछ चुपचाप देख सकता है? कांग्रेस को इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिए...आप मुस्लिमों को रिजर्वेशन देने की बात करते हैं और इसके बाद बाबा साहेब की फोटो और संविधान की कॉपी जेब में रखने का नाटक भी करते हैं।'
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बीजेपी बोली- ‘दुर्भाग्यपूर्ण’
कर्नाटक बीजेपी प्रमुख विजयेंद्र येदियुरप्पा डिप्टी सीएम के इस बयान को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताया और कहा कि अगर उनके मन में संविधान के प्रति जरा से भी सम्मान होता तो उन्होंने 'यह बात न कही होती।'
येदियुरप्पा ने कहा, 'हर कोई जानता है कि पहले भी संविधान में परिवर्तन किए गए हैं, लेकिन धर्म के आधार पर रिजर्वेशन की अनुमति नहीं दी जा सकती। जिस तरह से उन्होंने कहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है।'
कर्नाटक सरकार द्वारा प्रस्तावित बिल पर बात करते हुए डीके शिवकुमार ने कहा था कि मुस्लिमों को आरक्षण देने के लिए भविष्य में संविधान में संशोधन किए जाने का कथित तौर पर संकेत दिया था।
क्या बोले नड्डा
वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, 'कर्नाटक विधानसभा में ठेकेदारों को ठेके देने के लिए 4% आरक्षण (अल्पसंख्यकों को) देने का प्रस्ताव पारित किया गया है। सरदार पटेल और आंबेडकर ने कहा था कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होगा। तेलंगाना विधानसभा में सबसे पहले एससी, एसटी और ओबीसी का हक छीनकर मुसलमानों और अल्पसंख्यकों को आरक्षण दिया...डीके शिवकुमार ने फिर कहा है कि संविधान कांग्रेस ने दिया है और संविधान बदलने का काम भी कांग्रेस ही करेगी। कोई पश्चाताप नहीं है...'
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मुस्लिम आरक्षण का पेश हुआ बिल
राज्य कैबिनेट ने कर्नाटक विधानसभा ने एक बिल पेश किया गया है जिसमें ठेकों में मुस्लिमों को 4 प्रतिशत के आरक्षण दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इसके तुरंत बाद बीजेपी के बैंगलोर साउथ सीट से सांसद तेजस्वी सूर्या ने इसका विरोध करते हुए मांग की थी कि सिद्धारमैया को इसे तुरंत वापस ले लेना चाहिए।
‘देश बांटने की कोशिश’
बीजेपी सांसद संबित पात्रा ने कर्नाटक के डिप्टी सीएम की आलोचना करते हुए उनके ऊपर देश को बांटने का आरोप लगाया। पात्रा ने कहा का कांग्रेस संविधान में मुस्लिम आरक्षण का प्रावधान करना चाहती है जिसका बाबा साहेब आंबेडकर ने खुद विरोध किया था।
उन्होंने कहा, 'कांग्रेस का वास्तविक चेहरा सबके सामने आ गया है। डीके शिवकुमार कोई आम नेता नहीं हैं। वह गांधी परिवार और राहुल गांधी के काफी नजदीक हैं। नेहरू जी ने अपनी महत्त्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए देश को बांट दिया।'
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‘बयान के पीछे राहुल गांधी’
वहीं बीजेपी नेता केसवन ने कहा कि डीके शिवकुमार के संविधान विरोधी इस बयान के पीछे राहुल गांधी ही हैं। उन्होंने कहा, 'सांप्रदायिक कांग्रेस का डिजाइन इस तरह से है कि वह एससी एसटी और ओबीसी के रिजर्वेशन को छीनना चाहते हैं।'