बीजेपी 25 जून, बुधवार को 'संविधान हत्या दिवस' मना रही है और कांग्रेस को घेरने की कोशिश कर रही है। इसका कांग्रेस ने जवाब दिया लेकिन इस दौरान शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत भी कांग्रेस के पक्ष में उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी लोकतंत्र की 'चौकीदार' थीं।
राउत ने कहा, 'इमरजेंसी के लिए संविधान में व्यवस्था है। जब देश की सुरक्षा को देश की बाहरी या भीतरी खतरा उत्पन्न होता है तो प्रधानमंत्री राष्ट्रपति की मंजूरी से आपातकाल लगा सकता है। यह संविधान द्वारा किसी सरकार को दिया हुआ अधिकार है। यह इंदिरा गांधी थीं, जिसने आपातकाल में लोगों को सामने आकर कहा कि सुधर जाइए तो आपातकाल मैं पीछे ले लूंगी और 22 महीने के बाद चुनाव भी करवा दिया।'
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11 साल से अघोषित इमरजेंसी’
उन्होंने कहा, ‘किसी भी संविधान में आपातकाल की व्यवस्था है तो आप उसकी वजह से संविधान हत्या दिवस नहीं मान सकते। उस वक्त हेराफेरी करके इंदिरा गांधी चुनाव जीत सकती थीं जैसा कि आजकल हो रहा है, लेकिन इंदिरा गांधी खुद चुनाव हार गईं और हार को स्वीकार कर लिया, आज ऐसा हो रहा है क्या? इंदिरा गांधी उस वक्त दहशत और भय का निर्माण करके पैसों के बल से चुनाव जीत सकती थीं लेकिन ऐसा नहीं किया, वह वास्तव में लोकतंत्र की चौकीदार थीं। लेकिन आजकल पिछले 11 सालों से अघोषित आपातकाल है।’
‘चल रहा बुलडोजर’
उन्होंने आगे कहा, ‘आप कह सकते हैं कि उस वक्त संजय गांधी ने तुर्कमान गेट पर बुलडोजर चलाया लेकिन आजकल तो गरीबों पर हर दिन बुलडोजर चलाया जा रहा है। जाति, धर्म पूछ कर बुलडोजर चलाया जा रहा है। उस वक्त विपक्ष के लोगों को जेल में डाला था लेकिन उस वक्त पूरी व्यवस्था थी, इंदिरा गांधी खुद फोन करती थीं, जबकि अभी की सरकार ने सिटिंग मुख्यमंत्री को जेल में भेजा है तो यह आपातकाल नहीं, 'आपातकाल का बाप' है और हम इस इमरजेंसी से गुजर रहे हैं।’ उनका इशारा दिल्ली केपूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से था।
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‘जेल में थे अंडर वर्ल्ड के लोग’
इंदिरा गांधी की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, ‘जिस इंदिरा गांधी के इमरजेंसी के वक्त में करीम लाला, हाजी मस्तान सब बड़े-बड़े अंडर वर्ल्ड के लोग जेल में थे। आज इस तरह के सभी लोग बीजेपी में हैं। आज अगर हाजी मस्तान या करीम लाला जीवित होते तो ऐसे सभी लोग बीजेपी के मंत्री होते या उनकी पार्टी में बड़े ओहदे पर होते। इंदिरा गांधी ने संविधान के हथियार का उपयोग किया और आपातकाल लगाया, लेकिन संविधान के दायरे में लगाया है। मोदी जी और उनकी सरकार ने अघोषित आपातकाल में सबको कुचल दिया है।’