शुक्रवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति को लेकर ऐसी बात कह दी जिस पर विवाद शुरू हो गया है। दरअसल सोनिया गांधी ने कहा कि बजट सत्र के दौरान सोनिया गांधी काफी 'थकी' हुई लग रही थीं और भाषण के अंत तक वह मुश्किल तक बोल पा रही थीं। सोनिया गांधी ने राष्ट्रपति को 'पुअर लेडी' कहा।
सोनिया ने कहा कहा, 'राष्ट्रपति काफी थकी हुई थीं। वह मुश्किल से बोल पा रही थीं। पुअर थिंग।' सोनिया गांधी के इस बयान के बाद अब इस पर विवाद खड़ा हो गया है। बीजेपी इस बयान की आलोचना कर रही है और कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी मांगने के लिए कह रही है।
बीजेपी ने कहा-माफी मांगे
बीजेपी अध्यक्ष नड्डा ने कहा कि सोनिया गांधी को 'बिना शर्त के माफी' मांगनी चाहिए, जबकि संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि आदिवासी राष्ट्रपति को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।
नड्डा ने एक्स पर लिखा, 'जानबूझकर इस तरह के शब्दों का प्रयोग करना आभिजात्यवर्गीय, गरीब-विरोधी और आदिवासी-विरोधी भावना को दिखाता है। मेरी मांग है कि कांग्रेस पार्टी माननीय राष्ट्रपति और देश के आदिवासी समुदाय से माफी मांगे।'
बीजेपी के एक और नेता हरदीप सिंह पुरी ने भी सोनिया गांधी पर निशाना साधते हुए कहा सोनिया गांधी की टिप्पणियां चौंकाने वाली हैं और यह कांग्रेस पार्टी के अहंकार को दिखाती हैं।
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कांग्रेस ने क्या कहा
वहीं कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा राष्ट्रपति को राजनीतिक भाषण दिलवाया गया। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है सब कुछ झूठ और जुमला है।
पीएम मोदी ने की राष्ट्रपति की तारीफ
वहीं पीएम मोदी ने द्रौपदी मुर्मू के भाषण की तारीफ करते हुए कहा कि राष्ट्रपति के भाषण ने भारत के लिए एक स्पष्ट विजन दिया है जहां हर युवा को बेहतर अवसर मिलेंगे।
वहीं नरेंद्र मोदी ने सोनिया गांधी के इस बयान की आलोचना करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के परिवार का अहंकार आज पूरी तरह से दिख रहा था।
उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद को संबोधित किया लेकिन शाही परिवार के सदस्य ने इसे बोरिंग कहा। एक सदस्य ने कहा कि भाषा थकी हुई थी...इस शाही परिवार को अर्बन नक्सल की भाषा ज्यादा अच्छी लगती है।'
राष्ट्रपति भवन ने भी जारी किया बयान
सोनिया गांधी के इस बयान पर राष्ट्रपति भवन से भी विरोध व्यक्त किया गया है। राष्ट्रपति भवन के बयान में कहा गया, 'संसद में माननीय राष्ट्रपति के अभिभाषण पर मीडिया को प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पार्टी के कुछ प्रमुख नेताओं ने ऐसी टिप्पणियां की हैं, जिनसे स्पष्ट रूप से उच्च पद की गरिमा को ठेस पहुंची है और इसलिए ये अस्वीकार्य हैं. इन नेताओं ने कहा है कि अंत में (अभिभाषण के) राष्ट्रपति बहुत थक गई थीं और वे मुश्किल से बोल पा रही थीं.'
आगे इस बयान में कहा गया है, 'राष्ट्रपति किसी भी सयम थकी हुई नहीं थीं। असल में उनका मानना है कि हाशिए पर पड़े समुदायों, महिलाओं और किसानों के लिए बोलना, जैसा कि वह अपने संबोधन के दौरान कर रही थीं, कभी भी थकाऊ नहीं हो सकता।
राष्ट्रपति कार्यालय का मानना है कि ऐसा हो सकता है कि इन नेताओं ने हिंदी जैसी भारतीय भाषाओं के मुहावरे और प्रवचन से खुद को परिचित नहीं किया है और इस तरह गलत धारणा बनाई है. किसी भी मामले में, ऐसी टिप्पणियां दुर्भाग्यपूर्ण और पूरी तरह से टालने योग्य हैं.'
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