बिहार में एक नया बखेड़ा खड़ा हो गया है। कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार के मंदिर जाने के बाद उसे साफ किए जाने पर विवाद बढ़ गया है। कांग्रेस ने इस पर सवाल किया है कि क्या गैर-बीजेपी पार्टियों के साथ 'अछूतों' की तरह बर्ताव किया जाएगा। वहीं, बीजेपी का कहना है कि यह दिखाता है कि जनता ने कन्हैया की राजनीति को खारिज कर दिया है।
दरअसल, कन्हैया कुमार बिहार में 'पलायन रोको, नौकरी दो' यात्रा निकाल रहे हैं। इसी दौरान वे सहरसा जिले के बनगांव गांव में दुर्गा मंदिर गए थे। यहां उन्होंने जनता को संबोधित किया था।
उनके जाने के बाद एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग कथित तौर पर मंदिर को साफ करते नजर आ रहे हैं। इसी पर बवाल हो रहा है।
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गंगाजल से साफ कराया मंदिर?
बताया जा रहा है कि कन्हैया कुमार के जाने के बाद मंदिर को गंगाजल से साफ कराया गया। गांव के कुछ लोगों ने मंदिर की साफ-सफाई की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनका दावा है कि कन्हैया कुमार ने देश के खिलाफ टिप्पणियां की थीं। उनके ऊपर देशद्रोह का आरोप भी लगा था। इसके अलावा, कन्हैया लगातार देश और धार्मिक मुद्दों पर भी विवादित बयानबाजी करते रहे हैं। इसी कारण उनके जाने के बाद गांव के कुछ लोगों ने मंदिर की सफाई की।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता ज्ञान रंजन गुप्ता ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'हम जानना चाहते हैं कि क्या सिर्फ आरएसएस और बीजेपी के समर्थक ही धार्मिक लोग हैं और बाकी सब अछूत हैं। ऐसा करना भगवान परशुराम के वंशजों का अपमान करना है। क्या हम ऐसे दौर में आ चुके हैं जहां गैर-बीजेपी पार्टियों और उनके समर्थकों के साथ अछूतों की तरह बर्ताव किया जाएगा?'
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बीजेपी ने क्या कहा?
बीजेपी के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा, 'सबसे पहले तो हमें उन लोगों की पहचान करनी चाहिए जिन्होंने कन्हैया के जाने के बाद मंदिर की सफाई की। अगर कांग्रेस नेता के जाने के बाद मंदिर को साफ किया गया तो यह दिखाता है कि जनता ने उनकी राजनीति को खारिज कर दिया है।'