उत्तर प्रदेश उपचुनाव की तस्वीर साफ हो गई है। 9 में से 7 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जीत हासिल कर ली है। वहीं, महज 2 सीटों पर ही सपा अपना दबदबा बना पाई। इस जीत के साथ ही यूपी उपचुनाव की कुंदरकी सीट की इस समय बहुत चर्चा हो रही है। भाजपा उम्मीदवार ठाकुर रामवीर सिंह ने ऐतिहासिक वोटों से यहां जीत हासिल की है। ताज्जुब की बात यह है कि भाजपा ने 31 साल बाद मुस्लिम बाहुल्य सीट पर कमल खिलाया है। रामवीर ने सपा के हाजी मोहम्मद रिजवान को करारी शिकस्त दी है।
सवाल है कि 65 फीसदी मुसलमान वोटरों वाली इस सीट पर भाजपा के हिंदू उम्मीदवार ने जीत का परचम कैसे लहराया? जवाब साफ है कि इस बार कोई हिंदू या मुसलमान का ध्रुवीकरण नहीं, बल्कि तुर्क और शेख बिरादरी के ध्रुवीकरण ने भाजपा को ऐतिहासिक जीत दिलाने में मदद की।
आखिरी बार कब जीती थी भाजपा?
1 लाख वोटों से जीत हासिल करने वाले उम्मीदवार रामवीर सिंह ने इस बार इतिहास रच दिया है। बता दें कि भाजपा ने कुंदरकी सीट पर आखिरी बार 1993 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी, जब चंद्र विजय सिंह ने भगवा पार्टी के लिए जीत का परचम लहराया था। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की संभल लोकसभा सीट का हिस्सा कुंदरकी में मुस्लिम आबादी काफी ज्यादा है, यहां की 60% आबादी मुस्लिम समुदाय से आती है।
इस बात पर गौर किया क्या?
ध्यान देने वाली बात यह है कि कुंदरकी उपचुनाव में भाजपा ने 11 मुस्लिम उम्मीदवारों में से एकमात्र हिंदू उम्मीदवार को मैदान में उतारा था, जबकि सपा के मोहम्मद रिजवान को इंडिया ब्लॉक ने उम्मीदवार बनाया था। रिजवान ने कुंदरकी से पहली बार 2002 में जीत दर्ज की थी, लेकिन 2007 में बसपा के अकबर हुसैन से हार गए थे। हालांकि, उन्होंने 2012 और 2017 में लगातार जीत हासिल करते हुए जोरदार वापसी की। कुंदरकी को सपा का गढ़ माना जाता है, लेकिन भाजपा के इस किले में सेंध लगाने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव को बड़ा झटका लगा है।
कुंदरकी में भाजपा ने कैसे मारी बाजी?
कुंदरकी में भाजपा की जीत के बारे में स्वाभाविक रूप से सवाल उठ रहे हैं। भाजपा की जीत की संभावना मुस्लिम वोटों के बंटवारे को माना जा रहा है। इसके अलावा, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के आक्रामक अभियान ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रामवीर ठाकुर ने भी मुस्लिम मतदाताओं तक पहुंचने का हर संभव प्रयास किया। कुंदरकी में भाजपा की मुस्लिम शाखा और नेताओं ने जमकर प्रचार किया। कुंदरकी में प्रचार करते हुए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि ताली दो हाथों से बजती है। 'सबका साथ सबका विकास' के नारे पर जोर देते हुए उन्होंने भाजपा उम्मीदवार रामवीर सिंह के लिए वोट मांगे।