'2100 Vs 3000 रुपये'; BJP-MVA मैनिफेस्टो में क्या कॉमन, क्या अलग
राजनीति
• MUMBAI 10 Nov 2024, (अपडेटेड 10 Nov 2024, 6:52 PM IST)
BJP और MVA ने अपना मैनिफेस्टो जारी कर दिया है. दोनों ने ही महिलाओं, युवाओं और किसानों को अपनी ओर खींचने की कोशिश की है.

महायुति और एमवीए अपना मैनिफेस्टो जारी करते हुए । पीटीआई
महाराष्ट्र में चुनावी बिसात बिछ चुकी है। 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, और 23 नवंबर को नतीजों की घोषणा हो जाएगी। ऐसे में कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (यूबीटी) की तिकड़ी वाली महा विकास अघाड़ी और बीजपी, शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी वाली महायुति ने अपना-अपना मैनिफेस्टो जारी कर दिया है। दोनों ने ही महिलाओं, बेरोज़गार युवाओं और किसानों को अपनी तरफ खींचने की कोशिश की है. इस खबर में विश्लेषण करेंगे की दोनों के मैनिफेस्टो में क्या कॉमन है और क्या अलग है.
MVA के मैनिफेस्टो की खास बातें
- किसानों को 3 लाख रुपये तक की कर्ज माफी और कुटुंब रक्षा के तहत 25 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा देने का वादा।
- जातिगत जनगणना का वादा
- महालक्ष्मी योजना के तहत महिलाओं को 3 हजार रुपये प्रतिमाह देने का वादा।
- कुटुंब रक्षा के तहत महाराष्ट्र की जनता को 25 लाख लाख रुपये के मुफ्त बीमा और मुफ्त दवा का वादा।
- बेरोज़गारों को हर महीने 4 हजार रुपये देने का वादा।
- समानता की गारंटी के तहत 50 फीसदी आरक्षण को हटाने का वादा।
लेकिन महायुति और एमवीए ने अपने-अपने घोषणापत्र में कुछ वादे ऐसे किए हैं जो कि दोनों में कॉमन हैं-
2100 बनाम 3000 रुपये
बीजेपी और एमवीए के मैनिफेस्टो में जो बातें कॉमन हैं उनमें सबसे महत्त्वपूर्ण है महिलाओं को प्रतिमाह दी जाने वाली धनराशि का वादा। बीजेपी ने लाडकी बहिन योजना के तहत प्रति माह दी जाने वाली 1500 रुपये को बढ़ाकर 2100 रुपये करने का वादा किया है तो वहीं एमवीए ने इसके सामने महालक्ष्मी योजना लॉन्च कर दी है। इसके तहत एमवीए ने महिलाओं को 3000 रुपये प्रतिमाह देने का वादा किया है।
इसके अलावा महायुति ने 25 हजार महिलाओं को पुलिस में भर्ती करने के साथ-साथ आंगनबाड़ी और आशा वर्कर्स का भी वेतन बढ़ाकर 15 हजार रुपये प्रतिमाह करने का वादा किया है। महिलाओं के लिए 2027 तक 50 लाख महिलाओं को लखपती दीदी बनाने का लक्ष्य, 500 बचत समूहों को 1000 करोड़ का रिवॉल्विंग फंड भी देने की भी बात कही है। जाहिर है महायुति महिला वोटर्स को अपनी तरफ खींचने की हर संभव कोशिश कर रही है।
लेकिन एमवीए भी इसमें पीछे नहीं है। एमवीए ने महिलाओं को 3 हजार रुपये प्रतिमाह देने के साथ ही सरकारी बसों में मुफ्त परिवहन की सुविधा भी उपलब्ध कराने का वादा किया है।
किसानों के लिए क्या है
महाराष्ट्र की राजनीति में किसानों का एक खास स्थान है। इस बार के लोकसभा चुनाव में भी किसानों का मुद्दा काफी महत्त्वपूर्ण रहा था। इसीलिए बीजेपी ने भी किसानों के ऋणमाफी का वादा किया है। माना जा रहा है कि महायुति किसानों की नाराज़गी को दूर करने की कोशिश कर रही है। इसके अलावा महायुति ने फिर से सत्ता में आने पर किसानों को 12 हजार के बजाय 15 हजार रुपये वार्षिक देने और एमएसपी पर 20 फीसदी सब्सिडी देने का वादा किया है।
वहीं विपक्षी एमवीए भी इसमें पीछे नहीं है उसने खास तौर पर बताया है कि अगर उसकी सरकार सत्ता में आती है तो किसानों का तीन लाख तक का ऋण माफ कर दिया जाएगा। इसके अलावा समय से ऋण चुकाने वाले किसानों को 50 हजार रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दिए जाने का भी वादा किया है।
बेरोज़गार युवाओं के लिए योजना
पिछले लोकसभा चुनाव में बेरोज़गारी भी एक महत्त्वपूर्ण मुद्दा बनकर उभरा था। इसीलिए बीजेपी ने अपने मैनिफेस्टो में युवाओं को 25 लाख नौकरियां देने के साथ ही 10 लाख छात्रों को हर महीने 10 हजार रुपये ट्यूशन फी देने का भी वादा किया है।
लेकिन कांग्रेस ने भी बेरोज़गार युवाओं को अपनी ओर खींचने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। कांग्रेस ने राज्य के हर बेरोज़गार को 4 हजार रुपये की मासिक सहायता देने का वादा किया है।
गरीबों के लिए वादे
महायुति ने सभी के भोजन और आश्रय के वादे के साथ साथ वृद्धावस्था पेंशन की राशि को भी हर महीने 1500 रुपये से बढ़ाकर 2100 रुपये करने का वादा किया है। वहीं एमवीए ने अपने मैनिफेस्टो में 25 लाख रुपये किफायती स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध कराने के साथ साथ सरकारी अस्पतालों में मुफ्त दवा उपलब्ध कराने का वादा किया है।
क्या है अलग
इसके अलावा बीजेपी ने अपने मैनिफेस्टो में लोकलुभावन वादों के साथ-साथ विकास संबंधी वादे भी किए हैं, जैसे कि राज्य में 45 हजार गांवों में सड़क निर्माण, महाराष्ट्र को 2028 तक एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने का लक्ष्य, मेक इन महाराष्ट्र को फिनटेक और एआई राजधानी बनाने का लक्ष्य, पुणे और नासिक जैसे शहरों में एयरोस्पेस बनाने का लक्ष्य इत्यादि.
वहीं एमवीए ने अपने मैनिफेस्टो में कहा है कि वह अगर सत्ता में आएगी तो जातिगत जनगणना अवश्य कराएगी और उसी के मद्देनज़र 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को बढ़ा देगी।
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