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1500 करोड़ का आरोप, AIADMK से कनेक्शन, BJP के नयनार नागेंद्रन को जानिए

कुछ साल पहले तक AIADMK के नेता रहे नयनार नागेंद्रन का तमिलनाडु बीजेपी का अध्यक्ष बनना लगभग तय हो गया है। वह अन्नामलाई की जगह पार्टी की कमान संभालेंगे।

Nainar Nagenthiran with amit shah

अमित शाह के साथ नयनार नागेंद्रन, Photo Credit: Nainar Nagenthiran

तमिलनाडु में विधानसभा के चुनाव 2026 में होने हैं। लोकसभा चुनाव में ज्यादा कामयाबी न पाने वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधानसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद में है। इसी क्रम में राज्य के संगठन में कुछ बदलाव भी किए जा रहे हैं। तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष अन्नामलाई की जगह पर अब नयनार नागेंद्रन की ताजपोशी होने जा रही है। राज्य बीजेपी इकाई के अध्यक्ष पद के लिए हो रहे चुनाव के लिए अन्नामलाई ने ही नयनार नागेंद्रन का नाम प्रस्तावित किया है और अभी तक सिर्फ नागेंद्रन ने ही नामांकन भी भरा है। इस बात की पूरी उम्मीद है कि नयनार नागेंद्रन ही तमिलनाडु बीजेपी के अगले अध्यक्ष होंगे। इस तरह विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कझगम (AIADMK) के साथ जाने की दिशा में एक और कदम बढ़ा दिया है।

 

नयनार नागेंद्रन के नाम का समर्थन जिस तरह से पार्टी के अन्य नेताओं ने किया है, उससे यह स्पष्ट है कि वही पार्टी के अध्यक्ष बनेंगे। हालांकि, इसका औपचारिक ऐलान शनिवार को बीजेपी के मुख्यालय में दिल्ली में होगी। रोचक बात यह है कि नयनार नागेंद्रन पहले AIADMK में ही रहे हैं और कुछ साल पहले ही वह बीजेपी में शामिल हुए हैं। 

 

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उम्मीद लगाई जा रही है कि पिछले कुछ सालों में AIADMK और बीजेपी के रिश्तों के बीच जो खटास आई थी, उसे खत्म करने में नयनार नागेंद्रन अहम भूमिका निभाएंगे। नयनार नागेंद्रन दक्षिण तमिलनाडु से आते हैं और बीजेपी इसी क्षेत्र में अपना विस्तार करना चाहती है। इसके अलावा, वह थेवरा जाति से हैं जो बीजेपी के लिए अहम हो सकती है। हाल ही में जब पीएम मोदी तमिलनाडु में पंबन ब्रिज का उद्घाटन करने गए थे, तब भी नयनार नागेंद्रन उनके साथ दिखे थे।


कौन हैं नयनार नागेंद्रन?

 

मौजूदा समय में तमिलनाडु की तिरुनेलवेली विधानसभा सीट से विधायक हैं। इसी सीट से वह दो बार पहले भी विधायक रह चुके हैं। 2021 में इस विधानसभा सीट बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतने से पहले वह 2011 और 2001 में AIADMK के टिकट पर दो बार विधायक रह चुके हैं। साल 2017 में उन्होंने AIADMK छोड़ दी थी और बीजेपी में शामिल हो गए थे। रोचक बात यह है कि बीजेपी में आने के कुछ समय बाद ही उन्हें तमिलनाडु बीजेपी का उपाध्यक्ष भी बना दिया गया था।

 

 

नयनार नागेंद्रन तमिलनाडु की सरकार में मंत्री भी रहे हैं। साल 2001 से 2006 के बीच तमिलनाडु की जयललिता और पन्नीरसेल्वम सरकार में वह मंत्री थे। बीजेपी ने 3 जुलाई 2020 को उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया। 2021 में जब वह विधानसभा चुनाव जीतकर फिर से सदन पहुंचे तो बीजेपी ने तमिलनाडु विधानसभा में अपना नेता भी नियुक्त किए।

 

2021 में भी बीजेपी और AIADMK ने मिलकर चुनाव लड़ा था। BJP ने कुल 20 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे और 2.6 पर्सेंट वोटों के साथ उसे कुल 4 सीटों पर जीत मिली थी।

 

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1500 करोड़ की संपत्ति वाला मामला

 

दरअसल, नयनार नागेंद्रन 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान तिरुनेलवेली लोकसभा सीट से चुनाव लड़े थे। हालांकि, वह दूसरे नंबर पर रहे और चुनाव जीत नहीं पाए। चुनाव के दौरान जब उन्होंने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया तो उनकी घोषित संपत्ति को लेकर विवाद हो गया। महाराजा नाम के एक वकील ने मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करके आरोप लगाए कि नयनार नागेंद्रन ने अपनी संपत्ति छिपाई है और इस वजह से उनके खिलाफ एक्शन लिया जाना चाहिए। वकील महाराजा के मुताबिक, नयनार नागेंद्रन ने 1500 करोड़ रुपये की संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया था।

 

इससे पहले, 8 अप्रैल 2024 को फ्लाइंग स्क्वॉड टीम ने 3 लोगों के पास से 3.98 करोड़ रुपये सीज किए थे। आरोप लगे कि ये तीनों लोग ने BJP के उम्मीदवार यानी नयनार नागेंद्रन से जुड़े हुए थे। हालांकि, उन्होंने इन आरोपों से साफ इनकार किया था और कहा था कि उनकी छवि खराब करने के लिए डीएमके की ओर से ऐसा किया जा रहा है।

 

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अन्नामलाई को क्यों हटाया?

 

IPS छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए अन्नामलाई अभी भी बीजेपी के लिए बेहद अहम हैं। हालांकि, पिछले कुछ सालों में उन्होंने डीएमके के साथ-साथ AIADMK को भी जमकर आड़े हाथ लिया था। AIADMK भी उनको लेकर ज्यादा सहज नहीं थी। यही वजह थी कि AIADMK से हाथ मिलाने की औपचारिकता पूरी करने से पहले ही बीजेपी ने उनकी जगह पर नयनार नागेंद्रन को आगे बढ़ा दिया है। 

 

एक और बड़ी वजह है कि AIADMK के मौजूदा मुखिया ई पलनिस्वामी और अन्नामलाई एक ही क्षेत्र और एक ही जाति से आते हैं। ऐसे में इस गठबंधन पर ही एक ही जाति का होने का ठप्पा भी लग सकता है। बता दें कि 2023 में जब AIADMK और BJP का गठबंधन टूटा था तब उसकी वजह भी अन्नामलाई ही थे।

 

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