मैसूर दशहरा उत्सव पर सियासी बवाल शुरू हो गया है। लेखक बानू मुश्ताक को दशहरा उत्सव के उद्घाटन का न्योता दिया गया है। भाजपा ने कर्नाटक सरकार के इस फैसले पर न केवल आपत्ति जताई, बल्कि प्रदेशभर में सड़कों पर उतरने की चेतावनी भी दी। कन्नड़ लेखक बानू मुश्ताक मुस्लिम समुदाय से आती हैं। उन्हें अपनी किताब 'हार्ट लैंप' के लिए बुकर पुरस्कार भी मिल चुका है।
कर्नाटक के मंत्री महादेवप्पा ने बीजेपी की आपत्तियों की कड़ी आलोचना की। इस बीच कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के उस बयान ने सियासत तेज कर दी, जिसमें उन्होंने कहा कि चामुंडेश्वरी पर्वत केवल हिंदुओं की संपत्ति नहीं है। उनके बयान पर मैसूर के राजपरिवार ने बयान जारी करके अपनी आपत्ति दर्ज कराई है।
डीके शिवकुमार के बयान पर बवाल क्यों?
डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने एक्स पर लिखा, चामुंडेश्वरी माता हमारे इलाके की अधिष्ठात्री देवी हैं। उनकी पूजा करने वाले, उनमें आस्था रखने वाले, उनका सम्मान करने वाले सभी जातियों और धर्मों में हैं। उनके दर्शन सभी का अधिकार हैं। माता सभी भक्तों और सभी बच्चों की संपत्ति हैं। किसी एक तक सीमित नहीं। माता की पूजा करने से कोई मना नहीं कर सकता। यही मेरे शब्दों का सार है। विवाद पैदा करना भाजपा का सिद्धांत है!'
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उन्होंने आगे लिखा, सभी धर्मों और समुदायों के लोगों की चामुंडी पहाड़ी तक पहुंच है। सभी पहाड़ी पर जाते हैं। वे देवी की पूजा करते हैं। हमारी दुर्गा देवी सभी के दुखों को हरती हैं। देश-विदेश से लोग दशहरा देखने आते हैं। हमारे राजपरिवार के सदस्यों ने स्वयं इसकी अनुमति दी है और वे इसके साक्षी हैं। क्षेत्रीय त्योहार दशहरा सभी धर्मों के लोगों का है। धर्म के नाम पर सियासत नहीं होनी चाहिए। माता भी इसे स्वीकार नहीं करेंगी!'
मैसूर के राजपरिवार को क्या आपत्ति?
मैसूर राजघराने के वशंज और भाजपा सांसद यदुवीर कृष्णदत्त चामराज वाडियार ने डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बयान पर आपत्ति जताई और इसे अपने कुलदेवता पर दिए गए बयान को आहत करने वाला बताया। दुवीर कृष्णदत्त चामराज ने कहा कि यह बेहद ही दर्दनाक और हास्यास्पद बयान है। जब लोग देवी गौरी और गणेश की पूजा कर रहे हैं, ऐसे समय में इस तरह का बयान दिया गया है, जिससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं। यह बयान निंदनीय है।
राजघराने की प्रमोदा देवी वाडियार ने भी अपना बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि दशहरा उत्सव खास तौर पर चामुंडी पहाड़ियों पर स्थित पवित्र चामुंडेश्वरी मंदिर को लेकर चल रही सियासत परेशान करने वाली है। इस वर्ष के नाद उत्सव के उद्घाटन के लिए आमंत्रित गणमान्य व्यक्तियों के चयन को लेकर मतभेद पैदा हुए हैं। यह कहकर इसे उचित ठहराना अनावश्यक है कि चामुंडेश्वरी मंदिर हिंदू धर्म से संबंधित नहीं है। इस मंदिर में हिंदू धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार पूजा की जाती है। अन्य धर्मों के लोगों को हमेशा मंदिर में प्रवेश की अनुमति रही है और आज भी है। अगर यह हिंदू मंदिर नहीं होता तो इसे कभी भी मुजराई विभाग के अधीन नहीं लाया जाता।
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बानू मु्श्ताक ने क्या कहा?
बीजेपी का आरोप है कि बानू मुश्ताक देवी चामुंडेश्वरी के दूसरे रूप देवी भुवनेश्वरी के प्रति कोई सम्मान नहीं रखतीं। इस वजह से उन्हें आमंत्रित नहीं किया जाना चाहिए। बीजेपी ने कर्नाटक सरकार के फैसले के खिलाफ खिलाफ आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी। उधर, लेखक बानू मुश्ताक का कहना है कि मैं देवी चामुंडेश्वरी का सम्मान और धार्मिक भावनाओं का आदर करती हूं। उन्होंने यह भी कहा कि वह राज्य सरकार के सम्मान को प्रेमपूर्वक स्वीकार करेंगी। कर्नाटक के गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने दशहरा त्योहार को धर्म और जाति से ऊपर बताया।