नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार ने कहा है कि वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले किसी भी गठबंधन के साथ उनकी पार्टी कभी नहीं जुड़ेगी। उनके इस जवाब को अजित पवार के साथ एक होने की अटकलों के साथ जोड़कर भी देखा जा रहा है। शरद पवार ने राहुल गांधी का वोट शेयर पर साथ दिया है।
शरद पवार ने लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी के समर्थन में कहा कि राहुल गांधी का प्रेजेंटेशन शोध और दस्तावेजों पर आधारित हैं। अब यह चुनाव आयोग पर है कि वह इसकी जांच करता है या नहीं। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की वोटर लिस्ट में तथाकथित गड़बड़ियों को लेकर एक प्रजेंटेशन दिया था, जिसमें उन्होंने कथित सबूत भी पेश किए थे।
शरद पवार ने शनिवार को कहा, 'राहुल गांधी का वोट चोरी पर दिया गया प्रजेंटेशन रिसर्च और दस्तावेजों पर आधारित है। अब यह चुनाव आयोग पर निर्भर है कि वह इस मामले की जांच करे।'
यह भी पढ़ें: तेजस्वी यादव ने 'फर्जी' वोटर कार्ड दिखाया? चुनाव आयोग ने भेजा नोटिस
शरद पवार:-
राहुल गांधी ने अपने प्रेजेंटेशन में विस्तृत सबूत पेश किए हैं। चुनाव आयोग को इसकी जांच करनी चाहिए।
नागपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार ने कहा, 'महाराष्ट्र में चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी को और सतर्क रहना चाहिए था। हमें पहले इस पर ध्यान देना चाहिए था और सावधानी बरतनी चाहिए थी।'
शरद पवार, NCP (SP) प्रमुख:-
हम कभी भी बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन के साथ नहीं जाएंगे।
भतीजे के साथ गठबंधन करेंगे शरद पवार?
शरद पवार ने यह भी कहा कि विपक्ष ने अभी 9 सितंबर को होने वाले उप-राष्ट्रपति चुनाव पर अपनी रणनीति तय नहीं की है। उन्होंने अपने भतीजे अजित पवार की अगुवाई वाली एनसीपी के साथ गठबंधन की अटकलों को खारिज करते हुए कहा, 'हम कभी भी बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन के साथ नहीं जाएंगे।'
यह भी पढ़ें: बिहार दौरे में मिथिलांचल के वोटरों को साध गए शाह, तेजस्वी से पूछा सवाल
डिनर मीटिंग में क्यों मचा है सियासी शोर
राहुल गांधी ने एक डिनर मीटिंग आयोजित की थी। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे की बैठने की व्यवस्था को लेकर हंगामा हो गया था। प्रेजेंटेशन देखने के लिए उद्धव ठाकरे, फारूक अब्दुल्ला, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और वह खुद पीछे बैठे थे। ठीक वैसे ही जैसे फिल्म देखते समय लोग पीछे बैठते हैं।
राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर दावा क्या था?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) या मतदाता लिस्ट संशोधन को संस्थागत चोरी करार दिया है। उन्होंने दावा किया है कि चुनाव आयोग बीजेपी के साथ मिलकर इस चोरी को अंजाम दे रहा है। उन्होंने दावा किया है कि इस SIR का मकसद, गरीबों के वोटरिंग अधिकार को छीनना है।