सनातन धर्म में भगवान विष्णु को त्रिदेवों में सृष्टि के पालनहार के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि भगवान विष्णु की उपासना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूर्ण होती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। बता दें कि एकादशी व्रत को भगवान विष्णु की उपासना के लिए सबसे उत्तम माना जाता है और कहा जाता है कि शुभ मुहूर्त में एकादशी व्रत पूजा करने से सभी कष्ट और दुख दूर हो जाते हैं।
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास में अपरा एकादशी व्रत का पालन किया जाता है और यह वर्ष यह व्रत 23 मई के दिन रखा जाएगा। अपरा एकादशी के दिन कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है, जिन्हें पूजा-पाठ के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। आइए जानते हैं अपरा एकादशी व्रत पूजा मुहूर्त और विधि।
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अपरा एकादशी 2025 शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 23 मई रात्रि 10:30 पर समाप्त हो जाएगी। इस दिन प्रीति योग और आयुष्यमान योग का निर्माण हो रहा है। प्रीति योग शाम 06:39 तक रहेगा और इसके बाद आयुष्मान योग शुरू हो जाएगा। साथ इस विशेष दिन अमृत सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है, जो शाम 04:05 से अगले दिन तक रहेगा। इन सभी मुहूर्त को पूजा के उत्तम माना गया है, जिसका अर्थ है कि इस दिन एकादशी पूजा के लिए पर्याप्त समय मिलेगा।
अपरा एकादशी पूजा विधि
- व्रत की शुरुआत एक दिन पहले दशमी तिथि की रात सात्विक भोजन करके की जाती है।
- एकादशी के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- घर के पूजा स्थान को साफ करें और भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
- दीपक जलाएं, तुलसी पत्र अर्पित करें और पीले पुष्पों से भगवान विष्णु की पूजा करें।
- विष्णु सहस्रनाम, विष्णु स्तुति या श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों का पाठ करें।
- पूरे दिन व्रत रखें — निर्जला (बिना जल के) या फलाहार रूप में।
- द्वादशी के दिन व्रत का पारण नियमपूर्वक करें और जरूरतमंदों को दान दें।
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अपरा एकादशी व्रत का फल
- शास्त्रों में बताया गया है कि अपरा एकादशी के दिन व्रत का पालन करने से और भगवान की उपासना करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है और जीवन में आ रही आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती है।
- एक मान्यता यह भी है कि अपरा एकदशी व्रत का पालन करने से नाम के अनुरूप, भक्त को नाम के अनुरूप सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है। साथ ही काम में आ रहे विघ्न दूर हो जाते हैं।
- व्रत और अध्यात्म दोनों ही मानसिक तनाव को दूर करने में सक्षम माने जाते हैं। ऐसे में एकादशी व्रत का पालन करने से तनाव दूर होता है और भविष्य में आने वाली चुनौतियों से लड़ने की शक्ति मिलती है।
Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।