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बड़ा मंगल: इसी दिन श्री राम से मिले थे बजरंगबली, जानें कथा और मान्यताएं

बड़ा मंगल का हिंदू धर्म में खास महत्व है। आइए जानते हैं क्या है पर्व से जुड़ी मान्यता और पूजा महत्व।

AI Image of Hanuman ji

हनुमान जी समर्पित है बड़ा मंगल पर्व।(Photo Credit: AI Image)

हिंदू धर्म में 'बड़ा मंगल' या 'बुढ़वा मंगल' का विशेष स्थान है। यह पर्व विशेष रूप से उत्तर भारत, खासकर उत्तर प्रदेश के लखनऊ, कानपुर और आसपास के क्षेत्रों में बड़े श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार हनुमान जी को समर्पित होता है और ज्येष्ठ माह (मई-जून) के मंगलवार को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह माना जाता है कि इसी दिन हनुमान जी ने पहली बार श्रीराम से भेंट की थी।

पौराणिक कथा

एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, जब भगवान श्रीराम माता सीता की खोज में निकले थे, तब रास्ते में उनकी भेंट हनुमान जी से हुई थी। यह मुलाकात ज्येष्ठ महीने के मंगलवार को हुई थी। हनुमान जी ने प्रभु श्रीराम को पहचान लिया और अपने आप को उनका सेवक घोषित किया। इस शुभ दिन को स्मरण करते हुए 'बड़ा मंगल' का पर्व मनाया जाता है।

 

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पूजा का महत्व

इस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है। भक्त सुबह-सुबह स्नान करके मंदिर जाते हैं, हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और बजरंग बाण का पाठ करते हैं। हनुमान जी को लाल फूल, गुड़-चना, बेसन के लड्डू और सिंदूर अर्पित किया जाता है।

 

विशेष रूप से 'बड़ा मंगल' के दिन लोग मंदिरों में भंडारे का आयोजन करते हैं और किसी भी जाति-धर्म के लोग इसमें समान रूप से भाग लेते हैं।

 

कई भक्त इस दिन उपवास रखते हैं और शाम को हनुमान जी को प्रसाद चढ़ाने के बाद ही भोजन ग्रहण करते हैं। मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और संकटों से मुक्ति मिलती है।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।

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