logo

ट्रेंडिंग:

पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण पूजा का फल और कथा, सब जानें

हिंदू धर्म में सत्यनारायण भगवान की पूजा का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं पूर्णिमा के दिन भगवान पूजा का महत्व क्या है।

Image of Bhagwan Vishnu

सांकेतिक चित्र(Photo Credit: AI Image)

भारत में धर्म और आस्था का विशेष स्थान है। हिंदू धर्म में अनेक देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, जिनमें से एक हैं भगवान सत्यनारायण, जिन्हें सत्य का प्रतीक और पालनहार माना जाता है। 'सत्य' यानी सच्चाई और 'नारायण' यानी भगवान विष्णु का रूप। इसलिए सत्यनारायण भगवान को सत्य के मार्ग पर चलने वालों की रक्षा करने वाले देवता माना जाता है। उनकी पूजा विशेष रूप से पूर्णिमा यानी महीने की आखिरी दिन, जब चंद्रमा पूर्ण रूप से दिखाई देता है, को की जाती है।

 

भगवान सत्यनारायण को भगवान विष्णु के ही एक दिव्य रूप माने जाते हैं। सनातन धर्म में वह जगत के पालनहार हैं और धर्म, सच्चाई और भक्ति के प्रतीक हैं। पुराणों में बताया गया है कि जो भी श्रद्धा और सच्चे मन से उनकी पूजा करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

 

यह भी पढ़ें: वैशाख पूर्णिमा के दिन इन बातों का ध्यान रखकर करें पूजा और जानें विधि

सत्यनारायण व्रत की पौराणिक कथा

सत्यनारायण व्रत कथा का वर्णन स्कंद पुराण में आता है। इसके अनुसार, एक समय की बात है, एक गरीब ब्राह्मण काशी (वाराणसी) में बहुत ही कठिन जीवन जी रहा था। एक दिन भगवान विष्णु एक वृद्ध व्यक्ति के रूप में उसके पास आए और उसे सत्यनारायण व्रत करने की सलाह दी। ब्राह्मण ने व्रत किया और कुछ ही समय में उसके जीवन में समृद्धि और सुख आने लगा।

 

इसी तरह अन्य कथाओं में एक लकड़ी बेचने वाला, एक व्यापारी और राजा तूंगध्वज जैसे पात्रों का भी वर्णन आता है, जो भगवान की पूजा से पहले अभिमान, लालच या अविश्वास में डूबे थे। लेकिन जैसे ही उन्होंने सच्चे मन से सत्यनारायण की पूजा की, उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आ गए।

 

इन कहानियों से यह संदेश मिलता है कि सच्चाई, श्रद्धा और भक्ति से किया गया कोई भी कार्य हमेशा फल देता है। और यदि कोई व्यक्ति गलती करता है, लेकिन सच्चे मन से प्रायश्चित करता है और भगवान की पूजा करता है, तो भगवान उसे क्षमा कर देते हैं।

पूर्णिमा को सत्यनारायण पूजा का महत्व

पूर्णिमा को भगवान सत्यनारायण की पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि यह दिन चंद्रमा की पूर्णता और ऊर्जा से भरपूर होता है। यह दिन शुभ और आध्यात्मिक उन्नति के लिए उत्तम माना जाता है। माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से घर में सुख-शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।

 

यह भी पढ़ें: नृसिंह जयंती पर रवि योग का निर्माण, पूजा-पाठ के लिए इसलिए है श्रेष्ठ

 

इस दिन लोग सत्यनारायण व्रत और कथा का आयोजन करते हैं, जिसमें परिवार और मित्रजन मिलकर पूजा करते हैं। कथा के माध्यम से भगवान की महिमा और उनके चमत्कारों को सुना और समझा जाता है।

पूजा का लाभ

  • घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
  • मानसिक तनाव कम होता है और जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है।
  • भगवान विष्णु की कृपा से कठिन कार्य भी सरल हो जाते हैं।
  • भय, रोग, दरिद्रता और विघ्न दूर होते हैं।
  • विवाह, संतान, नौकरी या कारोबार संबंधी समस्याओं में लाभ मिलता है।

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap