हिंदू धर्म में नवरात्रि व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि शास्त्रों में भी इस पर्व के महत्व को विस्तार से बताया गया है। बता दें कि नवरात्रि पर्व में अष्टमी और नवमी तिथि को खास महत्व दिया जाता है। इस दिन आदिशक्ति की विशेष पूजा का विधान है। चैत्र नवरात्रि में दुर्गाष्टमी और नवमी व्रत का महत्व इसलिए भी अधिक है, क्योंकि मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
चैत्र दुर्गाष्टमी और नवमी व्रत 2025 तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 04 अप्रैल रात्रि 08 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 05 अप्रैल रात्रि 07 बजकर 30 मिनट पर हो जाएगा। अष्टमी के समापन के ठीक बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी, ऐसे में चैत्र दुर्गाष्टमी व्रत 05 अप्रैल 2025, सोमवार के दिन रखा जाएगा और नवमी व्रत 06 अप्रैल 2025, मंगलवार के दिन रखा जाएगा। नवमी तिथि पर ही राम नवमी पर्व मनाया जाएगा।
यह भी पढ़ें: कालका जी मंदिर: महाभारत से जुड़ा दिल्ली का प्राचीन शक्तिपीठ
चैत्र दुर्गाष्टमी से जुड़ी मान्यताएं
नवरात्रि शब्द के आठवें दिन देवी महागौरी की उपासना का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दुर्गाष्टमी पर देवी की विधिवत उपासना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही ऐसा भी माना जाता है कि महागौरी की उपासना करने से वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याएं भी दूर हो जाती है।
चैत्र नवरात्रि में नवमी तिथि की विशेषता
चैत्र नवरात्रि में नवमी तिथि का सबसे अधिक महत्व है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह दिन देवी दुर्गा की उपासना के साथ-साथ भगवान श्री राम की उपासना के लिए भी समर्पित है। इस विशेष दिन पर भगवान श्री राम का जन्मदिवस मनाया जाता है और देशभर के धार्मिक स्थलों पर भव्य आयोजन किए जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, राम नवमी पर्व के दिन पूजा-पाठ करने से सभी कष्ट और दुख दूर हो जाते हैं।
Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।