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मौत के बाद मिलती हैं यातनाएं, क्या कहते हैं ग्रंथ?

हिंदू धर्म के ग्रंथों और पुराणों के अनुसार, मौत के बाद आत्मा को कर्म के हिसाब से स्वर्ग या नर्क में भेजा जाता है। आइए जानते हैं इससे जुड़ी मान्यताएं और सच्चाई।

Hell Representational Picture

नर्क की प्रतीकात्मक तस्वीर: Photo credit: AI

मौत के बाद आत्मा कहां जाती है और उसे किस तरह की यातनाएं (दुख/कष्ट) मिलती हैं, यह सवाल हमेशा से लोगों के मन में रहता है। हिंदू धर्म के ग्रंथ गरुड़ पुराण में इसका विस्तार से वर्णन मिलता है। पुराणों के अनुसार, इंसान की मृत्यु के बाद यमदूत आत्मा को यमराज के दरबार में ले जाते हैं, जहां चित्रगुप्त उसके अच्छे और बुरे कर्मों का हिसाब सुनाते हैं। मान्यता है कि इसी के आधार पर आत्मा को स्वर्ग या नर्क की प्राप्ति होती है।

 

गरुड़ पुराण की कथा के अनुसार, पाप करने वालों को मौत के बाद भयानक नर्क की यातनाएं सहनी पड़ती हैं, जैसे उबलते तेल में डाला जाना, नुकीले भालों से घायल होना या जहरीले कीड़ों से काटा जाना। वहीं, पुण्य करने वाले को स्वर्ग में सुख और शांति मिलती है। धर्मग्रंथों में यह भी कहा गया है कि यह यातनाएं किसी देवता की सजा नहीं बल्कि इंसान के अपने ही कर्मों का परिणाम होता हैं। यही वजह है कि जीवन में अच्छे कार्य करने और दूसरों की मदद करने की सलाह दी जाती है।

 

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मौत के बाद यातनाएं क्यों मिलती हैं?

धर्मग्रंथों में कर्म को जीवन का आधार माना गया है। इंसान जैसा कर्म करता है, वैसा फल उसे मिलता है। मान्यता के अनुसार, जब तक हम जिदा रहते हैं, तब तक तो अच्छे-बुरे कर्म का असर हमारी जिंदगी में दिखता है लेकिन जब मृत्यु होती है, तब आत्मा शरीर छोड़ देती है और यमराज के दूत उसे न्याय के लिए यमलोक ले जाते हैं। पुराणों की मानें, तो  यमलोक में मृतक व्यक्ति के सारे कर्मों का हिसाब किया जाता है, जिसने अच्छे कर्म किए होते हैं, उसे स्वर्ग मिलता है। वहीं, जिसने बुरे काम किए होते हैं, उसे नर्क की यातनाएं सहनी पड़ती हैं।

 

यातनाएं कैसी होती हैं?

गरुड़ पुराण में बहुत विस्तार से बताया गया है कि बुरे कर्म करने वालों को किस तरह की यातनाएं मिलती हैं। उससे जुड़े कुछ उदाहरण यहां दिए गए हैं-

  • कुंभीपाक नर्क –  पुराणों के अनुसार, इसमें पापी आत्मा को उबलते हुए तेल के बड़े बर्तन में डाल दिया जाता है।
  • रौरव नर्क – कथा के अनुसार, इसमें भयानक जीव और यमदूत पापियों को लोहे के त्रिशूल और भालों से छलनी करते हैं।
  • वैतरनी नदी – कथा में इस नदी का वर्णन किया गया है, जिसमें बताया गया है कि यह एक भयानक नदी है, जिसमें खून, मल और पेशाब बहता है। पापी आत्माओं को इस नदी में डुबोकर पार कराया जाता है।
  • अग्निकुंड – कहा जाता है कि इसमें पापियों को जलते हुए अग्नि के गड्ढों में फेंक दिया जाता है।
  • कीट-पतंगों की यातना – पापियों के शरीर को कीड़े-मकोड़े काटते रहते हैं।

पुराणों के अनुसार, ये सब यातनाएं इसीलिए दी जाती हैं, जिससे आत्मा अपने किए गए बुरे कर्मों को भुगते और अगले जन्म में सुधार करें।

 

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इन ग्रंथों में किया गया है उल्लेख

  • गरुड़ पुराण – इसमें मृत्यु के बाद आत्मा की यात्रा, यमलोक का रास्ता और नर्क की यातनाओं का सबसे विस्तृत वर्णन है।
  • भागवत पुराण और लिंग पुराण – इनमें भी नर्क और स्वर्ग के बारे में चर्चा मिलती है।
  • महाभारत के अनुशासन पर्व में भी धर्मराज युधिष्ठिर को नर्क और स्वर्ग के दर्शन कराए जाने की कथा आती है।

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