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45 मिनट में कृष्ण ने दिया था गीता का ज्ञान, जानें इससे जुड़ी रोचक बातें

भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र के रणभूमि में अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। आइए जानते हैं श्रीमद्भागवत गीता से जुड़ी कुछ रोचक बातें और इसका महत्व।

Mahabharat Bhagwan Shri Krishna

महाभारत में भगवान श्री कृष्ण का विराट रूप। (Pic Credit- Wikimedia Commons)

हिंदू धर्म में भगवान श्री कृष्ण की उपासना का विशेष महत्व है। श्री कृष्ण की लीलाओं का वर्णन विभिन्न धर्मग्रंथों में विस्तार से किया गया है। साथ ही यह भी बताया है कि भगवान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में हुए महाभारत युद्ध में अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था, जिसे आज भी भगवान कृष्ण का रूप मानकर पूजा जाता है। बता दें कि श्रीमद्भागवत गीता में वर्णित श्लोक और अध्यायों में कई ऐसी बातें बताई गई हैं, जिनसे व्यक्ति अपने जीवन को बहुत ही आसान बना सकता है।

 

प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन गीता जयंती मनाई जाती है। इस विशेष दिन पर हरियाणा के कुरुक्षेत्र सहित देशभर में गीता के ज्ञान और उसके महत्व का प्रचार-प्रसार किया जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष गीता जयंती 11 दिसंबर 2024, बुधवार के दिन मनाई जाएगी, साथ ही इसी दिन मोक्षदा एकादशी व्रत का भी पालन किया जाएगा। आइए जानते हैं श्रीमद्भागवत गीता से जुड़ी कुछ रोचक बातें।

कब और किसने की श्रीमद्भागवत गीता की रचना

  • श्रीमद्भागवत गीता की रचना महाभारत के समय हुई थी और इसे महर्षि वेदव्यास द्वारा लिखित माना जाता है। यह गीता महाभारत के भीष्मपर्व के अंतर्गत आती है। इस ग्रंथ का मूल समय अनुमान से 5000 वर्ष के पहले का है, क्योंकि महाभारत की घटना द्वापर युग में हुई थी।
  • गीता में 18 अध्याय और 700 श्लोक हैं, जिसमें धर्म, कर्म, ज्ञान, भक्ति, और योग का विस्तृत विवरण है। भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को जीवन के रहस्यों, आत्मा की अमरता, और कर्तव्य पालन का ज्ञान दिया था।
  • गीता के चौथे अध्याय में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन बताते हैं कि पूर्व काल में उन्होंने यह उपदेश विवस्वान को बताया था और फिर उन्होंने यह उपदेश मनु को दिया। मनु ने इश्वाकु को ज्ञान दिया और पीढ़ियों से इस ज्ञान को आगे बढ़ाया जा रहा था। लेकिन समय के साथ यह ज्ञान लुप्त हो गया, जिसे मैं तुम्हें पुनः बताने जा रहा हूं।
  • शास्त्रों में यह वर्णित है कि भगवान श्री कृष्ण गुरु का नाम अंगिरस था, जिन्होंने सबसे पहले गीता का ज्ञान दिया था और वही ज्ञान श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र के युद्धभूमि में अर्जुन को दिया था। वर्तमान समय में गीता ग्रंथ के रूप में प्रचलित है और उनकी पूजा श्री कृष्ण के साक्षात स्वरूप में की जाती है।
  • मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को केवल 45 मिनट के समय में गीता का पूर्ण ज्ञान दिया था। गीता में श्री कृष्ण ने 574 श्लोक कहे, अर्जुन ने 85 श्लोक, धृतराष्ट्र ने 1 श्लोक और संजय ने 40 श्लोक कहे थे। इसकी कुल संख्या 700 श्लोक की है।

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता।

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