हिंदू धर्म में गुप्त नवरात्रि एक विशेष महत्व रखता है जो सामान्य दो नवरात्रि से अलग बिल्कुल है। यह साल में दो बार आती है- माघ और आषाढ़ महीने में। जहां सामान्य नवरात्रि में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है, वहीं गुप्त नवरात्रि में देवी के नौ सिद्धियों की उपासना की तांत्रिक साधना और गुप्त उपासना का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि इस दिन नियम और निष्ठा से साधना करने से आत्मबल, सिद्धि और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, 26 जून 2025, गुरुवार से आषाढ़ नवरात्रि शुरू होने जा रही है। साथ ही इस दिन ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है, जिसे पूजा-पाठ के लिए सबसे उत्तम समय माना जाता है। ऐसे में गुप्त नवरात्रि के पहले दिन साधना शुरू करते समय और नवरात्रि की अवधि में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
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गुप्त नवरात्रि के नियम
- गुप्त नवरात्रि के दौरान आम लोग भी साधना कर सकते हैं लेकिन इसके लिए कुछ नियमों और सावधानियों का पालन करना बेहद जरूरी होता है। सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि यह साधना पूरी निष्ठा, संयम और नियमों के साथ की जाती है। साधना का समय प्रातःकाल या रात्रि के शांत समय में तय किया जाता है जब वातावरण शांत और ऊर्जा से भरा होता है।
- गुप्त नवरात्रि में देवी के गुप्त स्वरूपों जैसे महाकाली, तारा, बगलामुखी, त्रिपुरभैरवी, धूमावती आदि की उपासना की जाती है। इन देवियों की पूजा अत्यंत शक्ति प्रदान करने वाली मानी जाती है। इसलिए पूजा करने से पहले उचित मार्गदर्शन प्राप्त करना आवश्यक होता है ताकि किसी प्रकार की त्रुटि न हो।
- इस दौरान साधक को सात्विक भोजन करना चाहिए और एक समय भोजन करना अधिक लाभकारी माना जाता है। ब्रह्मचर्य का पालन करना, क्रोध, द्वेष और अन्य नकारात्मक भावनाओं से दूर रहना आवश्यक होता है। साधना के समय साधक को किसी शांत स्थान पर बैठकर ध्यान, जाप और हवन करना चाहिए।
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- गुप्त नवरात्रि में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। पूजा से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करना जरूरी होता है। पूजा स्थान को शुद्ध रखने के साथ-साथ मन की पवित्रता भी आवश्यक मानी जाती है।
- अगर कोई व्यक्ति पहली बार गुप्त नवरात्रि में साधना कर रहा है, तो उसे किसी ज्ञानी गुरु या पुरोहित की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। यह साधना जितनी शक्तिशाली होती है, उतनी ही संवेदनशील भी होती है। इसलिए बिना विधिवत जानकारी और श्रद्धा के इसे नहीं किया जाना चाहिए।
- कोई व्यक्ति यदि किसी को नुकसान पहुंचाने या नकारात्मक तांत्रिक क्रिया के लिए साधना कर रहा है, तो वह सावधान हो जाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि आध्यात्मिक क्षेत्र से जुड़े जानकार यह बताते हैं कि तंत्र साधना यदि किसी के नुकसान के लिए किया जाएगा तो सबसे अधिक नुकसान स्वयं व्यक्ति का ही होता है।
Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।