इस्लाम धर्म में हज यात्रा को बहुत ही खास माना जाता है। यह यात्रा सऊदी अरब के मक्का और मदीना शहरों में की जाती है और हर साल इस्लामी महीने जिल-हिज्जा की 8वीं से 13वीं तारीख के बीच की जाती है। बता दें कि हज यात्रा शामिल होने के लिए सऊदी सरकार हर देश के लिए कोटा निर्धारित करती है। आइए जानते हैं कि हज जानें की पूरी प्रक्रिया क्या है?
हज 2025 से जुड़ी जानकारी
इस साल हज की मुख्य रस्में 4 जून से 9 जून 2025 के बीच पूरी होने की संभावना है। हालांकि, सटीक तारीख चांद दिखाई देने पर तय होगी क्योंकि इस्लामी कैलेंडर चांद के आधार पर होता है। भारत और सऊदी अरब सरकार के बीच हुए समझौते के मुताबिक इस साल 2025 में भारत से 1,75,025 यात्री हज के लिए जा सकेंगे।
उमराह वीजा और हज वीजा में फर्क
बता दें कि उमराह वीजा और हज वीजा पूरी तरह अलग होते हैं। उमराह वीजा सालभर में कभी भी लिया जा सकता है (हज के महीने को छोड़कर), जबकि हज वीजा सिर्फ एक बार, खासतौर पर हज सीजन में जारी किया जाता है और यह सिर्फ हज यात्रा पर ही लागू होता है।
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हज वीजा कैसे लेते हैं?
अब हज वीजा पाने का एक ही तरीका है और वह है सऊदी सरकार की 'Nusuk Hajj' वेबसाइट पर रजिस्टर कराना। भारत में यह प्रक्रिया हज कमेटी ऑफ इंडिया या सऊदी के प्राइवेट ट्रैवल एजेंट्स के जरिए पूरी की जाती है। इसके लिए सबसे पहले उनकी आधिकारिक वेबसाइट hajcommittee.gov.in पर जाना होगा या हज कमेटी ऑफ इंडिया के मोबाइल ऐप का उपयोग करना होगा। फिर, ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेजों को स्कैन करके अपलोड करें। आप दस्तावेज अपलोड नहीं कर सकते हैं, तो भरे हुए फॉर्म का प्रिंटआउट लेकर, दस्तावेजों के साथ संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश हज समिति को जमा करना होगा। बता दें कि हज यात्रा के लिए ऑनलाइन आवेदन 22 अप्रैल तक कर सकेंगे।
हज वीजा के लिए जरूरी दस्तावेज
- वैध पासपोर्ट (कम से कम 6 महीने की वैधता)
- हाल की रंगीन पासपोर्ट साइज फोटो
- COVID-19 या दूसरी जरूरी वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट
- सही ढंग से भरा हुआ आवेदन पत्र
- बायोमेट्रिक डेटा (VFS सेंटर के जरिए)
बता दें कि आम तौर पर वीजा प्रक्रिया 4–7 दिनों में पूरी हो जाती है लेकिन समय पर दस्तावेज जमा करना बेहद जरूरी है।
हज यात्रा में कितना खर्च
हज यात्रा के लिए पासपोर्ट अनिवार्य है और यह कम से कम 6 महीने तक वैध होना चाहिए। अगर किसी यात्री का पासपोर्ट अब तक नहीं बना है, तो उन्हें समय पर आवेदन कर देना चाहिए ताकि बाद में कोई दिक्कत न आए। इसके साथ अब भारत सरकार द्वारा हज पर किसी प्रकार की सरकारी सब्सिडी नहीं दी जाती है। यात्रियों को ही अपनी पूरी यात्रा का खर्च खुद उठाना होता है।
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सरकारी कोटा (हज कमेटी) के जरिए हज पर जाने पर कुल खर्च लगभग 3,50,000 रुपए से 4,00,000 रुपए हो सकता है। वहीं प्राइवेट एजेंट्स के पैकेज 5,00,000 रुपए से 8,00,000 रुपए तक या उससे ज्यादा भी हो सकता है। इसमें में फ्लाइट टिकट, वीजा शुल्क, रहने का इंतजाम, खाने-पीने और ट्रांसपोर्ट की लागत शामिल होती है।
हज पर जाने वालों के लिए सुझाव
- जल्दी आवेदन करें: रेजिस्ट्रेशन प्रक्रिया समय से शुरू करें ताकि बाद में किसी तकनीकी वजह से रुकावट न हो।
- सही एजेंट ही चुने: सिर्फ हज कमेटी या सऊदी सरकार के स्वीकृत ट्रैवल एजेंट्स से ही संपर्क करें।
- फर्जी वादों से बचें: सोशल मीडिया या फर्जी वेबसाइटों की अफवाहों पर भरोसा न करें। इससे पैसों का नुकसान हो सकता है।
- मेडिकल जांच और वैक्सीनेशन: हज यात्रा मुश्किल होती है, इसलिए शारीरिक तौर पर खुद को तैयार रखें। साथ ही सभी जरूरी वैक्सीनेशन समय पर लगवा लें और मेडिकल फिटनेस जांच जरूर करवाएं।