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हनुमान जयंती पर करने जा रहे हैं पूजा तो जान लीजिए कुछ जरूरी नियम

हनुमान जयंती पर पूजा के दौरान कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं हनुमान जयंती पूजा के नियम और महत्व।

Image of Hanuman Ji

हनुमान जी के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है हनुमान जयंती।(Photo Credit: AI Image)

हनुमान जी, जिन्हें संकटमोचन, अंजनीपुत्र, पवनसुत और बजरंगबली जैसे कई नामों से जाना जाता है, हिन्दू धर्म में शक्ति, भक्ति और सेवा का सर्वोच्च प्रतीक माने जाते हैं। उनकी पूजा विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को की जाती है। साथ ही हर साल चैत्र मास में आने वाली हनुमान जयंती को बजरंगबली की उपासना के लिए सबसे उत्तम माना जाता है।

 

वैदिक पंचांग के अनुसार, 12 अप्रैल 2025 के दिन हनुमान जयंती पर्व मनाया जाएगा। बता दें कि हनुमान जी की पूजा करते समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। आइए जानते हैं, हनुमान जी की पूजा में क्या करना चाहिए और किन चीजों से बचना चाहिए।

 

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हनुमान जी की पूजा में क्या करें?

हनुमान जी की पूजा में शुद्धता का बहुत महत्व है। पूजा से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थान को भी साफ रखें। इसके साथ आपको बता दें कि हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं, इसलिए उनकी पूजा करने वाले भक्तों को भी विशेषकर मंगलवार और शनिवार को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। कहा यह भी जाता है कि बजरंगबली को लाल रंग बहुत प्रिय है। इसलिए पूजा में लाल फूल, लाल चोला, सिंदूर और लाल कपड़ा अर्पित करें।

 

पूजा के दौरान हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और सुंदरकांड का पाठ बहुत प्रभावशाली माना जाता है। हनुमान जयंती के दिन पूजा के समय भगवान को चमेली का तेल और सिंदूर चढ़ाना शुभ होता है। तुलसी के पत्तों का उपयोग भी कर सकते हैं और भोग में गुड़, भुने हुए चने या लड्डू अर्पित करें।

हनुमान जी की पूजा में क्या करें और क्या नहीं

भले ही तुलसी अर्पण कर सकते हैं, लेकिन इन दिनों उसे तोड़ना मना है। एक मान्यता यह भी है कि पूजा करते समय साधारण वस्त्र पहनें, अत्यधिक रंगीन या काले वस्त्र पहनकर पूजा करना उचित नहीं माना जाता। हनुमान जी की पूजा करने वाले भक्तों को विशेषकर हनुमान जयंती, मंगलवार और शनिवार को मांस, शराब और तामसिक भोजन से दूर रहना चाहिए। साथ ही हनुमान जी की अकेले पूजा नहीं की जाती है। इसलिए पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति या चित्र की पूजा विशेष मंत्र और विधि से की जाती है। इसे बिना गुरु के मार्गदर्शन के करना उचित नहीं होता।

 

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हनुमान जी की पूजा में मन की शुद्धता और श्रद्धा सबसे जरूरी है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए अहंकार, छल-कपट और क्रोध से दूर रहें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी की पूजा से भय, रोग, बाधा, शत्रु और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।

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