आज, यानी 14 मार्च को, देशभर में होली का त्योहार मनाया जा रहा है, जिसे हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र माना जाता है। इस त्योहार के दिन लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और बधाई देते हैं। हालांकि, होली के साथ-साथ आज के दिन ग्रहों की स्थिति में भी बड़े परिवर्तन आने वाले हैं। इनमें से एक है आज लगने वाला चंद्र ग्रहण और संक्रांति पर्व। आइए जानते हैं इन दोनों से जुड़ी मान्यताएं।
चंद्र ग्रहण
ज्योतिष पंचांग के अनुसार, आज के दिन लगने वाला चंद्र ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण कहलाएगा, लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा। इस वजह से यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा। हालांकि, कई लोग चंद्र ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ करने से परहेज करते हैं और चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करते हैं। बता दें कि साल का पहला चंद्र ग्रहण न्यूयॉर्क, लॉस एंजेलिस, टोरंटो, शिकागो, डबलिन, लिस्बन, वॉशिंगटन डी.सी., ऑकलैंड, सैन फ्रांसिस्को आदि क्षेत्रों में दिखाई देगा।
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मीन संक्रांति
जब सूर्य एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करता है, तो उसे संक्रांति के नाम से जाना जाता है। कई जगहों पर संक्रांति को पर्व के रूप में मनाया जाता है। आज के दिन होली होने की वजह से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। संक्रांति के दिन सूर्य देव की विशेष उपासना की जाती है और नदियों में स्नान किया जाता है। मान्यता है कि संक्रांति के दिन पूजा-पाठ और पवित्र स्नान करने से व्यक्ति के सभी कष्ट और दुख दूर हो जाते हैं, साथ ही कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है।
होली 2025 पर कब तक कर सकते हैं पूजा?
होली पूजा के लिए पूर्णिमा तिथि का होना बहुत आवश्यक है। वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा तिथि दोपहर 12:30 तक रहेगी, और इसके बाद प्रतिपदा तिथि शुरू हो जाएगी। ऐसे में पूजा-पाठ और स्नान करने के लिए सही समय दोपहर 12:30 से पहले का रहेगा। इस दिन सुबह उठकर नित्य पूजा करें और भगवान को अबीर व गुलाल अर्पित करें। इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण की उपासना अवश्य करें।
Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।