logo

ट्रेंडिंग:

3, 5 या 7? गणपति बप्पा को घर में कितने दिन रखना चाहिए? जान लीजिए

गणेश चतुर्थी के मौके पर भक्त गणेश जी की प्रतिमा स्थापना की तैयारी पूरी कर चुके हैं। आइए जानते हैं कि किस दिन गणपति का विसर्जन करने से क्या फल प्राप्त होता है।

Representational Picture

प्रतीकात्मक तस्वीर: Photo credit: AI

देशभर में गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। हर साल भाद्रपद मास की चतुर्थी को गणपति बप्पा का स्वागत घर-घर और पंडालों में बड़ी श्रद्धा और उत्साह से किया जाता है। माना जाता है कि श्रीगणेश को घर में 'अतिथि' के रूप में बुलाया जाता है और जब तक वह हमारे घर में विराजमान रहते हैं, तब तक सुख-समृद्धि, सौभाग्य और शांति का वास होता है लेकिन अक्सर लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि गणपति बप्पा को घर में कितने दिन तक स्थापित रखा जा सकता है और इसके पीछे शास्त्र क्या कहते हैं?

 

शास्त्रों के अनुसार, गणेश जी की स्थापना और विसर्जन की अवधि निश्चित नहीं है। भक्त अपनी श्रद्धा, सामर्थ्य और पारिवारिक परंपरा के अनुसार, बप्पा को घर में 1.5 दिन से लेकर 11 दिन तक रख सकते हैं। परंपरागत रूप से इन्हें अलग-अलग नाम दिए गए हैं। डेढ़ दिन का गणपति सबसे सरल रूप है, जिसे अगले दिन विसर्जित कर दिया जाता है। तीन दिन के गणपति संतुलन और शांति के प्रतीक माने जाते हैं। ऐसे ही अन्य दिनों से भी मान्यताएं जुड़ी हुई हैं।

 

यह भी पढ़ें: कितने तरीके से कर सकते हैं पूजा, उपचार से आरती तक, सब समझिए

प्रमुख परंपराएं और उनके नाम

डेढ़ दिन के गणपति (1.5 दिन)

  • स्थापना चतुर्थी को और विसर्जन अगले दिन पंचमी को।
  • इसे 'एकदिवसीय गणपति' भी कहते हैं।
  • माना जाता है कि इससे जल्दी फल प्राप्त होता है और घर में त्वरित सुख-समृद्धि आती है।

तीन दिन के गणपति

  • विसर्जन षष्ठी को होता है।
  • इसे 'त्रिदिवसीय गणपति' कहा जाता है।
  • मान्यता के अनुसार, इससे परिवार में संतुलन, सौहार्द और मानसिक शांति मिलती है।

पांच दिन के गणपति

  • विसर्जन अष्टमी को होता है।
  • इसे 'पंचदिवसीय गणपति' कहा जाता है।
  • लाभ: परिवार में सकारात्मकता और स्वास्थ्य लाभ माना जाता है।

 

सात दिन के गणपति

  • विसर्जन दशमी को किया जाता है।
  • इसे 'सप्तदिवसीय गणपति' कहते हैं।
  • मान्यता: इससे घर में सात पीढ़ियों तक पुण्य और सुख मिलता है।

यह भी पढ़ें: मंगल हनुमान, शनिवार को शनि, देवताओं के नाम क्यों हुए सप्ताह के 7 दिन


 

ग्यारह दिन के गणपति (अनंत चतुर्दशी तक)

  • यह सबसे प्रसिद्ध परंपरा है।
  • विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन होता है।
  • इसे 'एकादश दिवसिय गणपति' कहते हैं।
  • मान्यता: यह सबसे पूर्ण पूजा मानी जाती है, इससे घर में शांति, धन-धान्य और सौभाग्य आता है।

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap