अयोध्या में रामजन्मभूमि परिसर में पिछले साढ़े चार साल से चल रहा निर्माण कार्य अब लगभग पूरा हो गया है। सोमवार को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के एक्स हैंडल पर जानकारी देते हुए बताया गया कि राम मंदिर समेत सात देवी-देवताओं और सप्तऋषियों के मंदिरों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। जारी की गई पोस्ट में बताया गया कि अब केवल कुछ ऐसे काम चल रहे हैं, जिनका सीधा संबंध आम श्रद्धालुओं से नहीं है। दर्शनार्थियों की सुविधा और व्यवस्था से जुड़े सभी काम पूरे हो चुके हैं।
पोस्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, मुख्य राम मंदिर के अलावा परकोटे के अंदर भगवान शंकर, भगवान गणेश, भगवान सूर्यदेव, मां दुर्गा, मां अन्नपूर्णा और हनुमानजी के मंदिर भी तैयार हो गए हैं। परकोटे के बाहर शेषावतार लक्ष्मणजी का मंदिर भी बनकर तैयार है और सभी मंदिरों के शिखरों पर कलश और धर्म ध्वज भी स्थापित किए जा चुके हैं।
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मंदिर परिसर में कितना काम हुआ है
रामायण काल के सात ऋषियों के मंदिर का निर्माण पूरा हो चुका है। इनमें महर्षि वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, अगस्त्य, निषादराज, शबरी, अहिल्या और गोस्वामी तुलसीदास जी के मंदिर शामिल हैं। इसके अलावा कुबेर टीले के पास गिद्धराज जटायु और अंगद टीले पर गिलहरी की प्रतिमा स्थापित कर दी गई है।
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मंदिर परिसर में कितना काम बाकी है
मंदिर परिसर में सड़कों और फ्लोरिंग पर पत्थर बिछाने का काम चल रहा है। मंदिर परिसर में पत्थर बिछाने का काम लार्सन एंड टुब्रो कंपनी कर रही है। साथ ही परिसर में हरियाली और बागवानी का काम तेजी से चल रहा है। मंदिर परिसर में जीएमआर कंपनी 10 एकड़ क्षेत्र में पंचवटी विकसित कर रही है, जहां तरह-तरह के फलदार, छायादार और औषधीय पौधे लगाए जा रहे हैं।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के एक्स हैंडल पर जारी की गई जानकारी के मुताबिक, रामजन्मभूमि परिसर की 3.5 किमी लंबी सीमा दीवार, ट्रस्ट कार्यालय, अतिथि गृह और सभागार का निर्माण कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है। ये निर्माण कार्य ध्वजारोहण समारोह के बाद भी चलते रहेंगे।
15 जनवरी 2021 से शुरू हुआ था राम मंदिर का निर्माण
जन्मभूमि पर राम मंदिर के निर्माण से संबंधित काम 15 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था। वैसे तो सुप्रीम कोर्ट से नौ नवंबर 2019 को मंदिर निर्माण के पक्ष में निर्णय आने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पांच अगस्त 2020 को भूमि पूजन किया था।
इससे पहले 25 मार्च 2020 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जन्मभूमि पर विराजमान रामलला को अपने सिर पर उठा कर परिसर में ही निर्मित वैकल्पिक गर्भगृह में प्रतिष्ठित किया था। भूमि पूजन के बाद जनवरी 2021 से मंदिर निर्माण के लिए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने नींव की खोदाई शुरू कराई थी।