हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास वर्ष का तीसरा महीना होता है जो आमतौर पर मई-जून के बीच में आता है। बता दें कि 13 मई से ज्येष्ठ महीना शुरू हो चुका है और यह महीना धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस समय सूरज अपने प्रचंड रूप में होता है, इसलिए इस माह में जल दान, सेवा और संयम का विशेष महत्व है।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ माह तपस्या, सेवा और दान का महीना है। इस महीने में प्यासे प्राणियों को जल पिलाना, छाया देना और सत्कर्म करना पुण्यदायक माना जाता है। कहा जाता है कि इस माह में भगवान विष्णु और सूर्य देव की आराधना करने से विशेष फल मिलता है।
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इसके अलावा, इस माह में गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी, और बड़ा मंगल जैसे प्रमुख पर्व भी आते हैं, जो इस महीने को और भी पवित्र बना देते हैं।
किस देवता की होती है उपासना?
इस महीने में भगवान विष्णु, सूर्य देव और हनुमान जी की उपासना विशेष रूप से की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान विष्णु की उपासना करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। सात ही मान्यता है कि सूर्य देव को जल अर्पित करने से स्वास्थ्य लाभ और मानसिक शांति मिलती है। वहीं हनुमान जी की पूजा से भय, रोग और शत्रु बाधा दूर होती है, खासकर मंगलवार को।
ज्येष्ठ महीने के नियम
इस माह में कुछ विशेष नियमों का पालन करना लाभकारी माना जाता है:
- जलदान करें: राहगीरों के लिए प्याऊ लगाना, पक्षियों के लिए पानी रखना बहुत पुण्यदायक होता है।
- स्नान-दान का महत्व: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और जरूरतमंदों को वस्त्र, जल, शर्बत आदि का दान करने से लाभ मिलता है।
- सूर्य को अर्घ्य दें: रोजाना प्रातःकाल तांबे के लोटे से सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए।
- तप और संयम रखें: इस माह में व्यर्थ क्रोध, तामसिक भोजन और अपवित्र विचारों से बचना चाहिए।
- व्रत-उपासना करें: निर्जला एकादशी, गंगा दशहरा जैसे पर्वों पर उपवास और पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
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ज्येष्ठ महीना 2025 व्रत-त्योहार
13 मई, मंगलवार: नारद जयंती, पहला बड़ा मंगल
14 मई, बुधवार: वृषभ संक्रांति
15 मई, गुरुवार: केवट जयंती, अंतरराष्ट्रीय परिवार दिवस
16 मई, शुक्रवार: संकष्टी गणेश चतुर्थी
22 मई, गुरुवार: अपरा एकादशी
27 मई, मंगलवार: तीसरा बड़ा मंगल, शनि जयंती, ज्येष्ठ अमावस्या, रोहिणी व्रत, स्नान-दान अमावस्या
29 मई, गुरुवार: महाराणा प्रताप जयंती, रंभा तीज, छत्रसाल जयंती
30 मई, शुक्रवार: विनायक चतुर्थी, श्रुत पंचमी, अहिल्याबाई होलकर जयंती
1 जून, रविवार: स्कंद षष्ठी, बाल सुरक्षा दिवस
3 जून, मंगलवार: चौथा बड़ा मंगल, धूमावती जयंती, मासिक दुर्गाष्टमी
5 जून, गुरुवार: गंगा दशहरा
6 जून, शुक्रवार: निर्जला एकादशी, गायत्री जयंती
8 जून, रविवार: प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)
10 जून, मंगलवार: वट पूर्णिमा व्रत, कबीरदास जयंती, पांचवां बड़ा मंगल
11 जून, बुधवार: ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत
Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।