logo

ट्रेंडिंग:

माघ पूर्णिमा 2025 में कब और कैसे करें गंगा स्नान, यहां जानें सब बातें

माघ पूर्णिमा का दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। आइए जानते हैं कब रखा जाएगा माघ पूर्णिमा व्रत और इस दिन को क्यों माना जाता है खास।

AI Image of People worshiping

सांकेतिक चित्र।(Photo Credit: Freepik)

हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व है। वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाई जाती है। इस दिन गंगा स्नान, दान और व्रत को विशेष महत्व दिया जाता है। मान्यता है कि इस दिन पूजा-पाठ करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। इसके साथ माघ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपने पूरे आकार में होता है और इसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है।

माघ पूर्णिमा 2025 कब?

वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की पूर्णिमा तिथि 11 फरवरी शाम 06 बजकर 55 मिनट पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 12 बजकर शाम 07 बजकर 22 मिनट पर होगा। बता दें कि माघ पूर्णिमा व्रत 12 फरवरी 2025, बुधवार के दिन रखा जाएगा और इस दिन चंद्र उदय का समय शाम 05 बजकर 59 मिनट पर होगा।

 

यह भी पढ़ें: जीवित समाधि से महासमाधि तक, कैसे शरीर त्यागते हैं संत?

माघ पूर्णिमा व्रत का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है। इसे 'गंगा स्नान महापर्व' भी कहा जाता है।

 

साथ ही इस दिन तिल, कंबल, अन्न और वस्त्र का दान को भी बहुत फलदायक माना जाता है। यह भी माना जाता है कि जो लोग इस दिन जरूरतमंदों की सहायता करते हैं, उन्हें भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उनके जीवन में खुशहाली आती है।

 

शास्त्रों में यह बताया गया है कि माघ पूर्णिमा के दिन पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म करने से भी लाभ प्राप्त होता है। मान्यता है कि ऐसा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है।

 

इस विशेष दिन पर व्रत और पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मान्यता यह भी है कि इस व्रत का पालन करने से संतान सुख, विवाह या आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पाने में सहायता मिलती है।

 

माघ पूर्णिमा के दिन ध्यान, जप और भक्ति का विशेष महत्व होता है। यह दिन आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के लिए अत्यंत उपयुक्त माना जाता है।

 

यह भी पढ़ें: काशी से उज्जैन तक, इन जगहों पर स्नान करने से मिलता है महाकुंभ जैसा फल

माघ पूर्णिमा पर क्या करें

स्नान: माघ पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर गंगा, यमुना या किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। नदी में यदि स्नान संभव न हो, तो घर पर ही गंगाजल मिलाकर स्नान किया जा सकता है।

 

व्रत और उपवास: इस दिन उपवास रखना और सात्विक भोजन करना श्रेष्ठ माना जाता है। व्रतधारी को दिनभर भगवान का स्मरण और जप करना चाहिए।

 

हवन और पूजन: घर में हवन और भगवान विष्णु, शिव या सूर्य देव की पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है। तुलसी के पौधे की पूजा भी इस दिन शुभ मानी जाती है।

 

दान: इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, तिल, गुड़, कंबल, और अन्य आवश्यक वस्तुओं का दान करना चाहिए। इससे पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

 

सत्संग और भजन: माघ पूर्णिमा के दिन सत्संग में भाग लेना और भगवान के भजन-कीर्तन करना भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता।

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap