26 फरवरी को महाशिवरात्री है और यह दिन हिंदू धर्म में भगवान शिव को समर्पित सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इसे फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन शिव भक्तों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।
इस साल महाशिवरात्रि 26 फरवरी बुधवार को पड़ रही है। मान्यता है कि इस दिन व्रत और भगवान शिव की अराधना करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए और स्वच्छ वस्त्र धारण कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इस दिन शिवलिंग का दूध, दही, शहद, गंगाजल और बेलपत्र से अभिषेक करना चाहिए। जल चढ़ाते समय 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करना चाहिए। साथ ही शिव चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का भी पाठ करना चाहिए।
महाशिवरात्रि पर सज रहे मंदिर
महाशिवरात्रि को देखते हुए दिल्ली के कई बड़े मंदिरों में जलाभिषेक और शिव मेलों की तैयारियां शुरू हो गई है। मंदिरों को सजाया जा रहा है। मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए खास इंतजाम किए जा रहे हैं। दरअसल, मंदिरों में महाशिवरात्रि के दिन बड़ी संख्या में शिवभक्त जलाभिषेक के लिए आते हैं।
यह भी पढ़ें: महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग: जहां महाकाल का आभूषण है भस्म
ऐसे में आज हम आपको दिल्ली के शिव मंदिरों के बारें में बताएंगे जहां महाशिवरात्रि के दौरान आप दर्शन कर सकते हैं।
दिल्ली के चांदनी चौक में 800 साल पुराना गौरी शंकर मंदिर है, जहां हर साल महाशिवरात्री पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। इस मंदिर के बेसमेंट में एक साथ 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन होते हैं। महाशिवरात्री वाले दिन विशेष भंडारे का भी आयोजन किया जाता है। यह मंदिर सुबह 4 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम में चार बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है।
साउथ दिल्ली के हौज खास विलेज में भी आप एक विशाल शिवलिंग के दर्शन कर सकते हैं। कैलाशपति मंदिर के नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर में भी खास तैयारियां चल रही हैं। इस मंदिर में 20 टन का बड़ा शिवलिंग है।
यह भी पढ़ें: कौन हैं हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी, जिनका है 51 शक्तिपीठों में स्थान
महरौली के केशव महादेव मंदिर में आपको भगवान शिव, विष्णु और ब्रह्मा के दर्शन करने को मिलेंगे। वहीं, लोदी गार्डन में भी एक बड़ा शिव मंदिर है जहां शिवरात्री के लिए खास इंतजाम किए जा रहे है।
द्वारका का नीलकंठ मंदिर, महिपालपुर में 90 के दशक का शिव मंदिर जो की बिड़ला कानन मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। महाशिवरात्रि के दौरान भोलेनाथ के दर्शन के लिए यहां श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगती है। इसके अलावा निगमबोध घाट के पास नीली छतरी मंदिर भी काफी प्रसिद्ध है। आप छतरपुर मंदिर भी जा सकते है। इस मंदिर में आप भगवान शिव के अर्धनारीश्वर स्वरूप के दर्शन कर सकते है।