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रंग पंचमी को क्यों कहते हैं देवताओं की होली? यहां जानें कारण

हिंदू धर्म में रंग पंचमी पर्व का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं कि रंग पंचमी पर्व को क्यों मनाते हैं और इससे जुड़ी मान्यताएं क्या हैं।

Image of Holi Festival

सांकेतिक चित्र(Photo Credit: Canva Image)

हिन्दू धर्म में रंग पंचमी पर्व का विशेष महत्व है। बता दें कि रंग पंचमी को देवताओं की होली भी कहा जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, यह पर्व होली के पांचवें दिन यानी चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। रंग पंचमी का त्योहार विशेष रूप से मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस दिन रंगों और गुलाल से खेला जाता है लेकिन इसके पीछे एक धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व भी जुड़ा है।

रंग पंचमी की कथा

पौराणिक मान्यता के अनुसार, जब भगवान विष्णु ने भक्त प्रह्लाद की रक्षा करने के लिए होलिका को जलाकर उसका अंत किया, तो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक होली पर्व मनाया गया। माना जाता है कि होलिका दहन के बाद पंचमी तिथि को देवताओं ने भगवान विष्णु की इस विजय की खुशी में रंग और गुलाल उड़ाकर उत्सव मनाया था। तभी से इसे रंग पंचमी कहा गया और इसे देवताओं की होली कहा जाने लगा।

 

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एक अन्य मान्यता के अनुसार, जब भगवान कृष्ण ने वृंदावन में राधा और गोपियों के साथ होली खेली, तो पंचमी तिथि को पूरे ब्रज क्षेत्र में रंगों का विशेष उत्सव मनाया गया। तभी से रंग पंचमी का दिन प्रेम, उल्लास और रंगों का पर्व बन गया। भगवान कृष्ण की लीलाओं से जुड़े इस दिन को भक्त रंगों से भगवान की भक्ति में डूबकर मनाते हैं।

धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में रंग पंचमी को सात्विकता और शुद्धता का प्रतीक माना गया है। इस दिन को बुराई के नाश और पवित्रता के आरंभ के रूप में देखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन रंग खेलने से मन की नकारात्मकता दूर होती है और आत्मा में नई ऊर्जा का संचार होता है। कई जगहों पर इस दिन विशेष पूजा, हवन और भजन-कीर्तन का आयोजन होता है ताकि जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे।

 

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आध्यात्मिक दृष्टि

रंग पंचमी को पंच तत्व- पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश को शुद्ध करने का दिन भी कहा जाता है। रंगों को इन तत्वों का प्रतीक माना गया है, इसलिए इस दिन रंगों से खेलना आत्मा की शुद्धि का प्रतीक माना गया है। माना जाता है कि रंग पंचमी पर रंगों से खेलने से देवता प्रसन्न होते हैं और जीवन में शुभता आती है।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।

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