हिंदू धर्म में शनि देव को न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि कहा जाता है कि शनि देव हर जीव को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। शनि देव बहुत धीमे चलने वाले ग्रह हैं और जब किसी की कुंडली में शनि की दशा या साढ़ेसाती आती है, तो उसके जीवन में बड़ी परीक्षाएं आती हैं।
शनि देव के उपासना की बात करें तो न्याय देवता की पूजा के लिए शनि जयंती पर्व को सबसे उत्तम दिन कहा गया है। शनि देव कुछ ऐसे कार्यों से बहुत रुष्ट हो जाते हैं, ऐसे में शनि जयंती के दिन पूजा-पाठ करने से और जीवन में कुछ नैतिक मूल्यों को अपनाने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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शनि देव को क्रोधित करने वाले कार्य
- अहंकार और अन्याय- शास्त्रों में यह बताया गया है कि शनि देव को अभिमानी और दूसरों पर अत्याचार करने वाले व्यक्ति से जल्दी क्रोधित हो जाते हैं और समय आने पर दंड भी देते हैं।
- माता-पिता और बुज़ुर्गों का अपमान – जो लोग अपने माता-पिता, गुरु और बुजुर्गों की अवहेलना करते हैं या उनपर अत्याचार करते हैं, उनसे शनि देव नाराज हो सकते हैं।
- झूठ बोलना और धोखा देना – कहा जाता है कि छल, कपट या झूठ से कमाए गए धन को शनि देव स्वीकार नहीं करते हैं और ऐसे व्यक्ति को दंड देते हैं।
- शराब, मांस और अनैतिक जीवन- जो लोग नशा, मांसाहार और वासनात्मक जीवन शैली जीते हैं उन्हें भी शनि देव के कोप का सामना करना पड़ता है।
- गरीबों, मजदूरों और कमजोरों का शोषण- शनि देव न्याय के देवता हैं और वह विशेष रूप से मेहनती वर्ग के रक्षक कहे जाते हैं। ऐसे में इनके साथ अन्याय करने पर शनि का दंड निश्चित होता है।
बचाव के शास्त्रीय उपाय
शनि देव विनम्रता और सेवा से प्रसन्न होते हैं। ‘नम्रता धर्मस्य मूलं’ – नम्रता धर्म का आधार है। इसके साथ दान-पुण्य करने से भी शनि देव को प्रसन्न किया जा सकता है। इसलिए यदि आप सक्षम हैं तो शनिवार को काले तिल, कंबल, लोहा, काले कपड़े, और तेल का दान करना शुभ माना गया है। इसलिए कहा गया है कि ‘दानं धर्मस्य लक्षणं’ – दान धर्म का लक्षण है।
ज्योतिष विद्वान बताते हैं कि जिन लोगों के जीवन में शनि ग्रह के कारण समस्याएं आ रही हैं, उन्हें हर दिन और विशेष रूप से शनिवार के दिन ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’, इस मंत्र का नियमित जाप करने से शनि के दोष कम होते हैं। साथ ही ‘नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्। छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्॥’- यह शनि स्तोत्र से लिया गया श्लोक शनि की कृपा पाने के लिए उपयोगी है।
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कहा जाता है कि शनि देव को प्रसन्न करने के लिए अपने विचार, व्यवहार और कर्मों को साफ रखें। दूसरों को धोखा न दें और सत्य की राह पर चलें। साथ ही एक उपाय जो सभी बताते हैं कि हो सके तो हर दिन या खासकर शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाना चाहिए, और उसकी परिक्रमा करनी चाहिए, इससे न सिर्फ पर्यावरण को लाभ मिलता है, बल्कि शनि दोष भी दूर हो जाता है।
Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।