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श्री कृष्ण का जन्म नक्षत्र है 'रोहिणी', ये हैं इससे जुड़ी मान्यताएं

रोहिणी नक्षत्र को हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त की श्रेणी में रखा जाता है। आइए जानते हैं क्या है इस शुभ मुहूर्त से मान्यताएं और विशेषता।

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सांकेतिक चित्र(Photo Credit: AI Image)

हिंदू धर्म में नक्षत्रों का विशेष महत्व है। कुल 27 नक्षत्रों में से रोहिणी नक्षत्र को अत्यंत शुभ और फलदायक माना जाता है। यह नक्षत्र न सिर्फ ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, बल्कि धार्मिक व आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। खासकर पूजा-पाठ, व्रत, संस्कार आदि शुभ कार्यों के लिए रोहिणी नक्षत्र को बहुत ही अनुकूल माना जाता है।

रोहिणी नक्षत्र के स्वामी कौन हैं?

रोहिणी नक्षत्र के स्वामी ग्रह चंद्रमा हैं, जिन्हें मन का कारक ग्रह माना जाता है और इस कारण रोहिणी नक्षत्र से जुड़े लोग भावुक, कलात्मक और आकर्षक स्वभाव के होते हैं, साथ ही यह लोग जीवन में भावनाओं को अधिक महत्व देते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्रमा को 27 नक्षत्रों से विवाह किया गया था, जो दक्ष प्रजापति की पुत्रियां थीं। हालांकि, चंद्रमा को इनमें से रोहिणी सबसे प्रिय थीं। इस कारण इसे इस नक्षत्र को विशेष प्रतिष्ठा प्राप्त है।

 

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रोहिणी नक्षत्र का निर्माण कैसे होता है?

रोहिणी नक्षत्र आकाश में एक तारामंडल का समूह होता है, जिसे आधुनिक खगोल विज्ञान में अल्डेबारन के नाम से जाना जाता है। यह वृषभ राशि के भीतर आता है और इसके चार चरण होते हैं। इस नक्षत्र का आकार बैल के माथे जैसा माना गया है। यह नक्षत्र चंद्रमा की गति के अनुसार चलता है।

पूजा-पाठ में रोहिणी नक्षत्र का महत्व

जब रोहिणी नक्षत्र होता है, उस समय कोई भी शुभ कार्य करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। विशेष रूप से गृह प्रवेश, विवाह, मुंडन, नामकरण संस्कार, नए व्यापार की शुरुआत, वाहन या संपत्ति खरीदना जैसे कार्यों के लिए यह समय बेहद शुभ होता है। इस नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है, क्योंकि श्रीकृष्ण का जन्म भी इसी नक्षत्र में हुआ था। साथ ही, चंद्रमा की पूजा और शिव जी का अभिषेक करना भी इस समय अत्यंत फलदायक माना जाता है।

 

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रोहिणी नक्षत्र में पूजा करने से क्या लाभ मिलते हैं?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रोहिणी नक्षत्र में पूजा-पाठ करने से चंद्रमा के प्रभाव से मन शांत होता है और भावनात्मक अस्थिरता में सुधार होता है। साथ ही इस नक्षत्र में की गई साधना से व्यक्ति का व्यक्तित्व और आकर्षण बढ़ता है। एक मान्यता यह भी है कि इस नक्षत्र में पूजा करने से योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। इसके साथ व्यवसाय और नौकरी में सफलता मिलती है और आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।

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