विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद अपने जीवन में आध्यात्मिकता की ओर कदम बढ़ाए हैं। हाल ही में वह अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ उत्तर प्रदेश के अयोध्या पहुंचे, जहां उन्होंने भगवान राम और हनुमानजी के दर्शन किए। दोनों ने श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना की और मंदिरों में माथा टेका। खास तौर पर उन्होंने हनुमान गढ़ी मंदिर में दर्शन किए, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर देखा गया। मंदिर के पुजारी ने उन्हें पारंपरिक फूलों की माला पहनाई और माथे पर तिलक लगाकर आशीर्वाद दिया।
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हनुमान गढ़ी मंदिर की पौराणिक मान्यताएं
अयोध्या का प्रसिद्ध हनुमान गढ़ी मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित एक अत्यंत पूजनीय स्थल है। यह मंदिर शहर के केंद्र में स्थित है और ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है, जिसके कारण इसे 'गढ़ी' कहा जाता है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को लगभग 70 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।
मान्यता है कि जब भगवान श्रीराम ने लंका विजय के बाद अयोध्या लौटकर राज्य संभाला, तब उन्होंने अपने प्रिय भक्त हनुमानजी को अयोध्या की रक्षा का कार्य सौंपा। भगवान हनुमान ने तब इस स्थान को अपना निवास बनाया, ताकि वे हमेशा भगवान राम और उनके भक्तों की सेवा और रक्षा कर सकें। यही स्थान बाद में 'हनुमान गढ़ी' के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
कहा जाता है कि अयोध्या में श्रीराम के राज्याभिषेक के बाद हनुमानजी ने यही गुफा निवास के रूप में चुनी और तपस्या की। यह भी मान्यता है कि इस स्थान पर हनुमानजी आज भी अदृश्य रूप में विराजमान हैं और अयोध्या की रक्षा कर रहे हैं। भक्तगण मानते हैं कि हनुमान गढ़ी में दर्शन मात्र से संकट कट जाते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
हर मंगलवार और शनिवार को यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, क्योंकि यह दिन हनुमान जी को समर्पित माने जाते हैं। रामनवमी, हनुमान जयंती और दीपावली जैसे पर्वों पर तो यहां विशेष उत्सव का माहौल होता है।
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हनुमान गढ़ी मंदिर का इतिहास
हनुमान गढ़ी मंदिर का निर्माण 10वीं या 11वीं सदी के आसपास का माना जाता है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इसका विस्तार बाद में अवध के नवाबों के काल में भी हुआ, जब हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल कायम करते हुए इस मंदिर को संरक्षण दिया गया। नवाब शुजाउद्दौला और उनके पुत्रों ने भी इस मंदिर के रख-रखाव में सहयोग किया था।
मंदिर के अंदर हनुमानजी की बाल रूप में मूर्ति विराजमान है, जिन्हें उनकी मां अंजनी की गोद में बैठे हुए दर्शाया गया है। इस मूर्ति के दर्शन करते ही भक्तों का मन श्रद्धा और भक्ति से भर उठता है।
Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।