उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है। इस जगह को धरती का स्वर्ग कहा जाता है। यहां पर पांच बद्री, पांच केदार और पांच प्रयाग हैं। इतना ही नही लोग यहां पर लोग चार धाम की यात्रा करने आते हैं। उत्तराखंड के चमोली जिले में बद्रीनाथ, योग ध्यान बद्री, वृद्ध बद्री, भविष्य बद्री और आदिबद्री स्थित हैं। हाल ही में राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने एक्स अकाउंट पर वृद्धि बद्री मंदिर का वीडियो शेयर किया है।
वृद्ध बद्री मंदिर के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। इस मंदिर को प्राकृतिक खूबसूरती और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। आइए इस मंदिर की विशेष बातों के बारे में जानते हैं।
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भगवान विष्णु की वृद्ध रूप में होती है पूजा
वृद्ध बद्री का वर्णन कई हिंदू धर्म ग्रंथों में मिलता है। यहां पर भगवान विष्णु वृद्ध रूप में पूजे जाते हैं। मान्यता है कि वृद्ध बद्री के दर्शन मात्रा से ही व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह मंदिर बद्रीनाथ यात्रा मार्ग पर अणिमठ में स्थित है।
पौराणिक कथा के मुताबिक, एक बार देवर्षि नाराद भ्रमण करते हुए अणिमठ गांव के पास पहुंचे और विश्नाम करने लगे। नारद मुनि ने भगवान विष्णु की आराधना की और उनसे दर्शन देने की प्रार्थना की। नारद की प्रार्थना को मानते हुए भगवान विष्णु ने उन्हें वृद्धि व्यक्ति के रूप में दर्शन दिए। इसके बाद से अणिमठ में भगवान विष्णु की वृद्ध रूप में पूजा होने लगी।
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साल भर खुला रहता है मंदिर
यह मंदिर साल भर भक्तों के दर्शन के लिए खुला रहता है। यहां पर भगवान विष्णु की सुबह-शाम में पूजा अर्चना होती है। इस जगह पर साल भर पर्यटक आते
रहते हैं।
कैसे पहुंचे वृद्ध बद्री मंदिर
वृद्ध बद्री मंदिर पहुंचने के कई मार्ग हैं।
ट्रेन- सबसे पहले हरिद्वार स्टेशन पहुंचे। यहां से आप कैब या बस से मंदिर तक जा सकते हैं।
रोड- सबसे पहले जोशीमठ पहुंचे और वहां से 7 किलोमीटर दूर पर अणिमठ गांव बसा है।