सिख धर्म के सर्वोच्च तीर्थ स्थलों में से एक पटना साहिब की ओर दिल्ली से ‘जोड़ा साहिब’ की ऐतिहासिक यात्रा 23 अक्टूबर 2025 से शुरू हो चुकी है। यह यात्रा गुरु गोबिंद सिंह जी और माता साहिब कौर जी की पवित्र चरण पादुकाओं के जोड़े को उनके जन्मस्थल तक पहुंचाने के लिए आयोजित की गई है। जोड़ा साहिब का यह पवित्र अवशेष लगभग 300 वर्षों तक दिल्ली के करोल बाग में सुरक्षित रखा गया था और अब इसे श्रद्धालुओं के लिए पटना साहिब में प्रदर्शित किया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता और केंद्र सरकार में मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी इस यात्रा में शामिल होंगे।
दिल्ली के मोती बाग साहिब गुरुद्वारा से शुरू हुई यह यात्रा लगभग 1500 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और रास्ते में दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार के कई प्रमुख शहरों से होकर गुजरेगी। यात्रा के दौरान नगर कीर्तन, भजन-कीर्तन और सार्वजनिक दर्शन का आयोजन किया जाएगा, जिससे ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालु इन पवित्र अवशेषों के दर्शन कर सकें। 'चरण सुहावे गुरु चरन यात्रा' 31 अक्टूबर 2025 को बिहार के पटना में स्थित पटना साहिब गुरुद्वारा पहुंचेगी। यह यात्रा पहली बार आयोजित की जा रही है, इससे पहले इस तरह की यात्रा का आयोजन नहीं किया गया था।
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'जोड़ा साहिब' क्या है?
'जोड़ा साहिब' गुरु गोबिंद सिंह जी और उनकी पत्नी माता साहिब कौर जी के पवित्र चरण पादुकाओं का जोड़ा है। गुरु साहिब का दाहिना जूता लगभग 11 इंच लंबा और 3.5 इंच चौड़ा है, जबकि माता साहिब कौर जी का बायां जूता लगभग 9 इंच लंबा और 3 इंच चौड़ा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, ये पवित्र अवशेष लगभग 300 वर्षों तक दिल्ली के करोल बाग में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के परिवार के पास सुरक्षित रखे गए थे।
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दिल्ली से पटना साहिब तक यात्रा क्यों हो रही है?
मान्यता के अनुसार, गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म स्थल पटना साहिब है, जो सिख धर्म का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यह यात्रा 'चरण सुहावे गुरु चरण यात्रा' के रूप में आयोजित की जा रही है, जो 23 अक्टूबर 2025 को दिल्ली के गुरुद्वारा मोती बाग साहिब से प्रारंभ होकर 31 अक्टूबर 2025 को पटना साहिब पहुंचेगी। इस यात्रा का उद्देश्य गुरु साहिब और माता साहिब कौर जी के पवित्र अवशेषों को उनके जन्म स्थल पर स्थायी रूप से स्थापित करना है, जिससे श्रद्धालु इन अवशेषों के दर्शन कर सकें।