ईद इस्लाम धर्म के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। हर साल दुनियाभर में मुसलमान इसे हर्ष और उल्लास से मनाते हैं। ईद मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है- ईद-उल-फितर और ईद-उल-अजहा (बकरीद)। इस्लाम धर्म में दोनों ही त्योहारों का अलग-अलग महत्व बताया गया है।
ईद की शुरुआत कब हुई?
ईद की शुरुआत इस्लाम धर्म के पैगंबर हजरत मोहम्मद के समय से मानी जाती है। कहा जाता है कि पैगंबर मोहम्मद जब मदीना (मदीना शरीफ) में थे, तब उन्होंने देखा कि वहां के लोग दो खास दिनों को उत्सव के रूप में मनाते हैं। तब उन्होंने बताया कि इस्लाम में दो ईदों को मनाने की परंपरा होगी — एक रमजान के रोजे खत्म होने के बाद (ईद-उल-फितर) और दूसरी हजरत इब्राहीम की कुर्बानी की याद में (ईद-उल-अजहा)। यह परंपरा तब से आज तक चली आ रही है। इसके साथ यह त्योहार रमजान के पवित्र महीने के समापन के बाद शव्वाल महीने की पहली तारीख को मनाया जाता है।
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इसकी शुरुआत हिजरी संवत के पहले या दूसरे वर्ष (लगभग 622-623 ईस्वी) में मानी जा सकती है, जब पैगंबर मुहम्मद ने मक्का से मदीना की ओर हिजरत की और वहां इस्लामी समुदाय की नींव रखी। ईद-उल-फितर की शुरुआत तब हुई जब हजरत मोहम्मद ने पहला रमजान का महीना पूरा किया और उसके बाद मुसलमानों को उपवास के बाद ईद मनाने का आदेश दिया। इस दिन जरूरतमंदों को फितरा (दान) देना जरूरी माना गया ताकि हर व्यक्ति इस खुशी में शामिल हो सके।
ईद कैसे मनाई जाती है?
ईद का चांद दिखते ही त्योहार की शुरुआत होती है। ईद-उल-फितर रमजान के एक महीने के रोजों के बाद आती है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर गुस्ल (नहाकर) किया जाता है, नए या साफ कपड़े पहने जाते हैं और मस्जिद या ईदगाह में जाकर सामूहिक नमाज अदा की जाती है। इसके बाद लोग एक-दूसरे से गले मिलकर 'ईद मुबारक' कहते हैं और मिठाइयों का आदान-प्रदान करते हैं।
अलग-अलग देशों में ईद का जश्न
ईद का मूल भाव हर जगह समान होता है, लेकिन कुछ स्थानीय परंपराएं और तरीके हर देश में इसे खास बना देते हैं।
भारत और पाकिस्तान: यहां ईद का माहौल बहुत उत्सवपूर्ण होता है। बाजार सजते हैं, मिठाइयां बनाई जाती हैं, विशेष रूप से सिवइयां और बिरयानी का स्वाद लिया जाता है। लोग गरीबों को कपड़े और पैसे देते हैं।
सऊदी अरब: मक्का और मदीना जैसे पवित्र स्थलों में लाखों लोग नमाज पढ़ते हैं। यहां ईद पर परिवारों के साथ समय बिताया जाता है और बच्चों को उपहार (ईदी) दी जाती है।
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तुर्की: तुर्की में ईद को 'रमजान बायराम' कहते हैं। यहां लोग अपने बुजुर्गों से आशीर्वाद लेते हैं और बच्चों को मिठाइयां दी जाती हैं।
इंडोनेशिया: यहां ईद को 'लेबारन' कहा जाता है। लोग अपने घरों को सजाते हैं, विशेष पकवान बनाते हैं और एक-दूसरे से क्षमा मांगते हैं।
अफ्रीकी देश: नाइजीरिया और सोमालिया जैसे देशों में पारंपरिक नृत्य और गीतों के साथ ईद मनाई जाती है। लोग पारंपरिक वस्त्र पहनते हैं और तरह-तरह के पकवान बनाकर इस त्योहार को मनाते हैं।
Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं।