वखान कॉरिडोर से पास आ रहे हैं चीन-अफगानिस्तान, PAK पर क्या होगा असर?
विशेष
• KABUL 27 Mar 2025, (अपडेटेड 27 Mar 2025, 7:23 PM IST)
साउथ एशिया में सवाल उठने लगे हैं कि चीन और अफगानिस्तान का नया गठबंधन क्यों बन रहा है? इसके मायने क्या हैं?

वखान कॉरिडोर। Photo Credit- Wikipedia
पाकिस्तान का पुराना दोस्त चीन अफगानिस्तान से नजदीकियां बढ़ा रहा है। दोनों के बीच नजदीकियां कोई ऐसी-वैसी नहीं हैं बल्कि ड्रैगन अफगानिस्तान में रणनीतिक रूप से बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है। चीन के इस कदम से पाकिस्तान की भौहें चढ़ने लगी हैं, जबकि अफगानिस्तान इस रिश्ते से उत्साहित दिखाई दे रहा है।
अफगानिस्तान में शासन कर रहे तालिबान को उम्मीद है कि चीन के सहारे वह अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकता है। साथ ही तालिबान ये भी लग रहा है कि अफगानिस्तान अपने देश के व्यापार को चीन के साथ बढ़ाकर अधिक कमाई कर सके।
ऐसे में साउथ एशिया में सवाल उठने लगे हैं कि चीन और अफगानिस्तान का नया गठबंधन क्यों बन रहा है? इसके मायने क्या हैं? साथ ही भारत भी इस बात से हैरान है कि पाकिस्तान का सदाबहार दोस्त अब अफगानिस्तान की ओर बढ़ रहा है।
हर साल 6 बिलियन डॉलर की कमाई
दरअसल चीन, तालिबान अफगानिस्तान पर अपनी मजबूत पकड़ बना रहा है। इसकी की वजह से तालिबान ने घोषणा कर दी है कि इस साल 'वखान कॉरिडोर' के जरिए अफगानिस्तान चीन से जुड़ेगा। वखान कॉरिडोर के बनने के बाद अफगानिस्तान का दावा है कि उसे हर साल 6 बिलियन डॉलर की कमाई होगी।
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अगस्त 2021 में तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद से पहली बार है जब चीन इतनी बड़ी मात्रा में अफगानिस्थान में निवेश कर रहा है।
वखान को लेकर तालिबान की आधिकारिक घोषणा
वखान को लेकर तालिबान ने भी आधिकारिक घोषणा कर दी है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने पिछले दिनों कहा, 'इस साल वखान कॉरिडोर सड़क के जरिए अफगानिस्तान और चीन को जोड़ा जाएगा। इसके पूरा होने पर अफगानिस्तान को सालाना 6 बिलियन डॉलर की कमाई होगी।'
⚡️Afghan Taliban spokesperson Zabihullah Mujahid has announced that Afghanistan and China will be connected through the Wakhan Corridor road this year. He stated that upon completion, Afghanistan will earn $6 billion annually from transit revenues.
— Raja Muneeb (@RajaMuneeb) March 25, 2025
I have repeatedly pointed this… pic.twitter.com/0KMhRqr9Cm
जबीहुल्लाह मुजाहिद ने आगे कहा, 'मैंने पिछले साल से ही बार-बार इस बात की ओर ध्यान दिलाया है कि चीन और अफगान तालिबान वखान दर्रे पर संयुक्त नियंत्रण रखते हैं। चीन वखान कॉरिडोर के जरिए अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान को साइड करने की योजना बना रहा है।'
पाकिस्तान के लिए क्यों महत्वपूर्ण है वखान कॉरिडोर?
बता दें कि वखान कॉरिडोर चीन की व्यापार परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण मार्ग है। यह काफी पतली पट्टी है, जो पाकिस्तान के CPEC (चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा) को दरकिनार करते हुए अफगानिस्तान और ईरान के चाबहार बंदरगाह के लिए एक संभावित वैकल्पिक रास्ते के तौर पर काम कर सकता है। ऐसे में पाकिस्तान को डर है कि चीन इस रास्ते का इस्तेमाल करके सीपीईसी को दरकिनार कर सकता है।
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यही वजह से पाकिस्तान चाहता है कि वखान कॉरिडोर पर उसका कब्जा हो जाए। साथ ही पाकिस्तान चाहता है कि चीन के लिए वह पहले की तरह अपनी जरूरत को दिखाकर और ज्यादा पैदा ऐंठ सके। लेकिन इस प्रोजेक्ट के पूरा हो जाने के बाद चीन अफगानिस्तान में भी निवेश करता रहेगा, जो पाकिस्तान के लिए टेंशन का विषय है।
पाकिस्तान वखान पर क्यों करना चाहता है कब्जा?
वखान कॉरिडोर रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। इस पर कब्जे से पाकिस्तान सीधे भारत के ऊपर बैठ जाएगा। इसके अलावा पाकिस्तान की पहुंच सीधे मध्य एशियाई देशों तक हो जाएगी, वो भी अफगानिस्तान को बाइपास करके। ऐसे में पाकिस्तान यूरोप तक अपने माल को आसानी से पहुंचा सकेगा। इसके लिए उसे समुद्र में लंबा चक्कर भी नहीं लगाना पड़ेगा। इसके अलावा चीन को गरीबी दिखाकर अपनी जरूरत दिखा सकता है।
बता दें कि वखान सड़क मार्ग के शुरू होने से इस इलाके में चीन का दबदबा बढ़ जाएगा क्योंकि वह इस रोड के जरिए अफगानिस्तान के जरिए-पाकिस्तान और उधर कजाकिस्तान दोनों को डील कर सकेगा। इसके साथ ही चीन की योजना यह है कि अफगानिस्तान के अंदर जितनी भी खनिज संपदा है उसे तालिबान अफगानिस्तान से करार कर उसे सड़क के जरिए चीन लाया जाए।
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