सुधार मोड में केरल कांग्रेस! थरूर-सुधाकरन करने लगे पार्टी को एकजुट?
विशेष
• NEW DELHI 04 Mar 2025, (अपडेटेड 04 Mar 2025, 8:13 PM IST)
शशि थरूर के एक के बाद एक आए बयानों ने कांग्रेस में असहज की स्थिती पैदा कर दी थी। दूसरी तरफ राज्य नेतृत्व में केरल के प्रदेश अध्यक्ष के सुधाकरन और मल्लापल्ली रामचंद्रन के बीच खुली तौर पर नाराजगी सामने आ गई थी।

केरल कांग्रेस। Photo Credit (@INCKerala/ X)
पूर्व केंद्रीय मंत्री, चार बार के सांसद, कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य और तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सांसद शशि थरूर के हालिया बयानों ने कांग्रेस को असहज कर दिया था। इसका असर ये हुआ कि केरल कांग्रेस में फूट की खबरें आने लगीं और ये कयास लगाए जाने लगे कि थरूर जल्द ही बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं। दूसरी तरफ केरल कांग्रेस में एक और मोर्चा खुला! यह मोर्चा वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के सुधाकरन और केरल के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मल्लापल्ली रामचंद्रन के बीच खुला।
शशि शरूर के बाद सुधाकरन और मल्लापल्ली रामचंद्रन के बीच पैदा हुए तनाव के बाद केरल में पार्टी में टूट की संभावना जताई जाने लगी। मामला तेजी से गंभीर होता जा रहा था, लेकिन तभी पार्टी में बिखराव की खबरें दिल्ली में बैठे कांग्रेस हाईकमान के कानों में पड़ी तो अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और केसी वेणुगोपाल हरकत में आ गए।
पार्टी नेताओं को साफ शब्दों में संदेश
कांग्रेस हाईकमान को साफ नजर आया कि अगर केरल में पार्टी को समय रहने एकजुट नहीं किया गया तो इसका असर साफ तौर पर अगले साल होने वाले केरल विधानसभा चुनावों को पर पड़ेगा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने खड़गे के साथ केरल में पार्टी में एकजुटता बनाए रखने के लिए 28 फरवरी को राज्य के सीनियर नेताओं के साथ हाईलेवल बैठक की। इस बैठक में उन्होंने पार्टी नेताओं को साफ शब्दों में संदेश दिया कि पार्टी को आंतरिक कलह से बचना होगा।
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पार्टी लाइन का पालन करने का निर्देश
इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल, के सुधाकरन, शशि थरूर और बाकी प्रमुख नेता शामिल हुए। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, बैठक में राज्य नेतृत्व के बीच लंबे समय से चली आ रही असहमति और नाराजगी की कमी के मुद्दे को उठाया गया गया और एक चेहरा पेश करने की जरूरत पर जोर दिया गया। साथ ही कांग्रेस के शीर्ष नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने केरल के नेताओं से मुद्दों पर पार्टी लाइन का पालन करने और विरोधाभासी बयान देने से बचने का आग्रह किया था।
"എ.ഐ.സി.സി പ്രസിഡന്റ് മല്ലികാർജുൻ ഖാർഗെജിയുടെ അധ്യക്ഷതയിൽ പ്രതിപക്ഷ നേതാവ് രാഹുൽ ഗാന്ധിയുടെയും, എ.ഐ.സി.സി ജനറൽ സെക്രട്ടറി കെ.സി വേണുഗോപാലിന്റെയും സാന്നിധ്യത്തിൽ ഡൽഹിയിലെ കോൺഗ്രസ് ആസ്ഥാനത്ത് ചേർന്ന യോഗത്തിൽ പങ്കെടുത്തു. കേരളത്തിന്റെ ചുമതലയുള്ള എഐസിസി ജനറൽ സെക്രട്ടറി ശ്രീമതി ദീപാ… pic.twitter.com/4eN2mu8YQE
— Congress Kerala (@INCKerala) February 28, 2025
थरूर के दो बयान कांग्रेस को बैकफुट पर लाए
बैठक के तुरंत बाद शशि थरूर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'केरल कांग्रेस नेताओं की आज हुई बैठक बहुत ही पॉजिटिव रही। बैठक में हमने पार्टी की एकजुटता को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। दरअसल, केरल के साथ में राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस ने खुद को तब बैकफुट पर पाया, जब थरूर ने लगातार दो बड़े बयान दिए थे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात और केरल में औद्योगिक विकास पर एलडीएफ सरकार के दावों की तारीफ की।
2 मार्च को शशि थरूर ने टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए केरल में एमएसएमई और स्टार्टअप सेक्टर के विकास पर अपना रुख बदल दिया। सरकारी आंकड़ों पर आधारित रिपोर्ट ने औद्योगिक विकास पर पिनाराई विजयन सरकार के दावे और जमीनी हकीकत की पोल खोली।
दिल्ली में हुई बैठक का असर...
दिल्ली में हुई इस मीटिंग का असर ये हुआ है कि कांग्रेस ने नाराज चल रहे शशि थरूर संयमित होकर बयान देने लगे। थरूर ने केरल में उद्यमिता विकास पर एलडीएफ सरकार के दावों पर जमकर पलटवार किया। वहीं, बैठक के बाद वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के सुधाकरन पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मल्लापल्ली रामचंद्रन से मिलने के लिए मिलने के लिए गए।
थरूर ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा, 'यह देखकर निराशा हुई कि केरल स्टार्टअप उद्यमिता की कहानी केवल वही नहीं है जो बताई जा रही है। इसमें एकमात्र अच्छी बात यह है कि कम से कम केरल सरकार के दावे सही इरादों की ओर इशारा करते हैं। हमें और अधिक एमएसएमई स्टार्टअप की जरूरत है। सिर्फ कागजों पर आंकड़ों की जरूरत नहीं है। केरल को बस इसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।'
सुधाकरन और मल्लापल्ली के बीच की तनातनी खत्म
वहीं, केरल के कांग्रेस अध्यक्ष के सुधाकरन ने सांसद शशि थरूर के ताजे बयानों का स्वागत करते हुए कहा कि उन्होंने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है कि वह किधर हैं। सुधाकरन ने कोझिकोड में पूर्व अध्यक्ष मल्लापल्ली के साथ अपनी बैठक के बाद यह बयान दिया।
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दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद कांग्रेस ने मल्लापल्ली को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया था। इसके बाद पार्टी ने के सुधाकरन को 2021 में पीसीसी अध्यक्ष नियुक्त किया। तब से ही राज्य के दोनों दिग्गज नेताओं के बीच तनातनी चल रही थी।
नाराज को मनाने की कोशिश
सुधाकरन ने ये भी माना कि मल्लापल्ली के अनुभव का फायदा उठाने में उनकी ओर से चूक हुई। उन्होंने कहा कि मल्लापल्ली से संवाद नहीं होने की वजह से उन्हें इसका दुख है। वहीं, इसके जवाब में मल्लापल्ली ने कहा कि राज्य के सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को केंद्रीय नेतृत्व से एकता का संदेश मिला है। पूर्व अध्यक्ष मल्लापल्ली ने कहा, 'इससे बड़ा कोई संदेश नहीं है।'
कांग्रेस के एक सांसद ने कहा, 'दिल्ली की बैठक में राहुल गांधी ने स्पष्ट कर दिया था कि राज्य में कांग्रेस नेताओं को एक साथ मिलकर काम करना चाहिए। नेताओं को ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे एलडीएफ सरकार को बदलने वाले लोगों का अनादर हो।' कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए के एंटनी ने कहा कि केरल सरकार बदलने के लिए तैयार है। आपको एक-दूसरे से झगड़कर माहौल खराब नहीं करना चाहिए।
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